
राइटर जावेद बेग बोले-कश्मीर में हुए गुनाह का गवाह हूं, गिरिजा के साथ हुई बर्बरता बताई, मांगी माफी
फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने कश्मीर घाटी में हिंदुओं के साथ हुए अत्याचार को सामने ला दिया है। कश्मीरी अलगाववादियों ने पाकिस्तानियों के साथ मिलकर इस सच को छुपाने की हर जगह कोशिश की, हर मंच पर इसे दबाने की कोशिश की गई। हमारे देश की तथाकथित सेक्युलर पार्टियों ने भी कश्मीर घाटी में हिंदुओं के साथ हुए अत्याचार पर जिस तरह ध्यान देना चाहिए नहीं दिया। लेकिन अब इस फिल्म में पूरी दुनिया के सामने कश्मीरी अलगाववादियों के झूठ को सामने ला दिया है।
इस फिल्म ने इस बात को सामने लाया है कि कैसे मजहब के नाम पर घाटी के मुसलमानों ने हिंदुओं को बिना वजह कत्ल कर दिया। जबकि इन कश्मीरी पंडितों को उनके अलगाववादी आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं था ना ही इन पंडितों ने किसी भी कश्मीरी मुसलमान को मारा था ना ही उनके साथ मारपीट तक की थी।
कश्मीरी राइटर जावेद बेग ने बताई सच्चाई
फिल्म की तमाम आलोचना और विवाद के बीच कश्मीरी राइटर जावेद बेग का ट्वीट भी सामने आया है। उन्होंने हाथ जोड़कर पंडित समुदाय से न सिर्फ माफी मांगी है, बल्कि इस बात की तस्दीक की है कि वह दौर बहुत ही भयानक था और वह गवाह हैं कि गुनाह हुए हैं।
‘सच तो सच है, कोई कहे ना कहे‘
जावेद बेग लेखक होने के साथ ही ऐक्टिविस्ट भी हैं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि उनके पूर्वजों ने जो गलतियां की हैं, आज के युवाओ को उस गलती को स्वीकार करना चाहिए। जावेद बेग ने यहां तक कहा है कि कश्मीरी मुसलमानों ने आजादी के नाम पर हाथ में हथियार लिए। यह कोई प्रोपगेंडा नहीं, बल्कि हकीकत है। उन्होंने लिखा है कि सच हमेशा सच रहता है, फिर चाहे कोई उसे कहे या न कहे।
गिरिजा टिक्कू के टुकड़े-टुकड़े कर दिए गए
जावेद बेग ने अपने ट्वीट में विशेष रूप से गिरिजा टिक्कू का जिक्र किया है। एक के बाद एक ट्वीट में जावेद लिखते हैं, ‘मैं भी एक कश्मीरी मुसलमान हूं। हमारी बहन गिरजा टिक्कू के जीते जी टुकड़े कर दिए गए। यह कश्मीर के उन मुस्लिम परिवारों ने किया जिनके हाथ में पाकिस्तान ने आजादी के नाम पर हथियार थमा दिए गए थे। मैं पंडित बिरादरी से हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं। यह कोई प्रोपगेंडा नहीं, बल्कि सच्चाई है।’
’21 मार्च को मेरे होमटाउन में हुआ हत्याकांड’
एक अन्य ट्वीट में वह लिखते हैं, ‘कोई सच बोले या न बोले, सच फिर भी सच ही रहता है। मैं कश्मीरी पंडितों के हत्याकांड का गवाह हूं जो नवरोज के दिन 21 मार्च 1997 में संग्रामपोरा बीरवाह में हुआ था। वह मेरा होमटाउन है। मुझे आज भी दुख होता है और मैं शर्मिंदा हूं।’
I am Kashmiri Muslim.Our Pundit sister Girja Tikoo was cut into pieces, while she was alive by militants from Kashmiri Muslim families who had guns from Pakistan in their hands, all in name of “Azadi”.This is FACT & not propaganda.I fold my hands and apologize to Pundit biradari pic.twitter.com/3muXcIzVCh
— Javed Beigh (@Javedbeigh) March 15, 2022
जावेद बेग ने वायरल वीडियो भी शेयर किया
इसके साथ ही जावेद बेग ने अपने एक वायरल वीडियो क्लिप को भी रीट्वीट किया है। इसमें वह न्यूज चैनल पर अपनी बात रख रहे हैं। वीडियो में जावेद कहते हैं कि वह बीरवाह के जिस इलाके से आते हैं, वहां 21 मार्च को पहला हत्याकांड हुआ था। इसमें दर्जनों कश्मीरी पंडितों को मारा गया। जावेद कह रहे हैं कि उन्होंने वह बर्बर हत्याकांड देखा है। जिनकी हत्याएं हुईं, न तो वो किसी की आजादी रोक रहे थे और न ही वो किसी कश्मीरी मुसलमान को मार रहे थे। निहत्थे लोगों के साथ आप जो कर रहे हो वो जुल्म नहीं है तो क्या है। जिन कश्मीरी पंडितों को मारा गया वो हमारी ही बस्ती के, हमारे ही लोग थे।’
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‘समझने के लिए सिर्फ जमीर की जरूरत’
जावेद वीडियो के आखिर में कहते हैं कि कश्मीरी पंडित कोई गैर नहीं थे। वो हमारा ही खून हैं। हमारी ही नस्ल हैं। जो गलतियां उनके वालिद (पिता) की पीढ़ी ने कीं, उन गलतियों को आज स्वीकार करना चाहिए। यह मानना चाहिए कि गुनाह हुए हैं। जावेद कहते हैं, ‘इस बात को समझने के लिए किसी फिल्म की जरूरत नहीं है। इसके लिए बस जमीर की जरूरत है।’