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इस वार रक्षाबंधन पर है चंद्र ग्रहण का साया, शुभ मुहूर्त है सिर्फ ५ घंटे , जान लीजिये

इस साल रक्षा बंधन देश भर में 7 अगस्त को मनाया जा रहा है. रक्षा बंधन के त्यौहार में बहन अपनी भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई अपनी बहन को आजीवन उसकी रक्षा करने का वादा करता है. यह त्यौहार भाई-बहन के बीच प्यार को दर्शाता है. हर कोई जानता है कि राखी बाँधने का एक सही समय होता है, जिसे शुभ मुहूर्त कहते हैं. इस शुभ मुहूर्त के दौरान ही बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है.

बहन भाई को भद्रकाल के दौरान राखी नहीं बांधने चाहिए :

पर इस रक्षा बंधन लोग राखी बांधने के समय को लेकर असमंजस में दिख रहे है. हर बार रक्षा बंधन पर भद्रकाल को लोग ध्यान में रखते हैं. बहन भाई को भद्रकाल के दौरान राखी नहीं बांधती है, इसे लोग अशुभ मानते हैं. अगर ज्योतिष की माने तो भद्रकाल में राखी बांधना खतरे से खाली नहीं होता है. इससे बचने के लिए लोग भद्रकाल से पहले या उसके बीतने के बाद ही राखी बांधते हैं.

क्यों भद्रकाल से ज़्यादा चंद्रग्रहण पर दें ध्यान :

इस रक्षा बंधन भद्रकाल पर नहीं बल्कि चंद्रग्रहण पर ध्यान देने की ज़रुरत है. भद्रकाल से ज़्यादा लोग चंद्रग्रहण से डरे हुए हैं. इस बार बहनों को राखी बांधते वक़्त चंद्रहग्रण के साए को ध्यान में रखना होगा, जिसकी वजह से राखी बाँधने के लिए केवल 5 घंटे ही शुभ हैं. प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य कृष्णदत्त शर्मा के अनुसार, “वर्तमान विक्रमी संवत में श्रावण की शुक्ल पूर्णिका 7 अगस्त को सूर्योदय से पहले ही शुरू हो जायेगी और रात के 11 बजकर 41 मिनट पर रहेगी. इसके साथ ही चंद्रग्रहण के सूतक का समय दिन के 1 बजकर 52 से शुरू हो जाएगा. इसलिए इस रक्षा बंधन बहनों को चंद्रग्रहण के पहले ही राखी बाँध देनी होगी और इस बीच का समय ही शुभ माना जाएगा. आपको बता दे की इस बार खंडग्रास चंद्रग्रहण रक्षा बंधन पर पड़ रहा है.

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