
‘राजस्थान रेप में नंबर-1 है क्योंकि यह मर्दों का प्रदेश है’, मंत्री जी की बेशर्मी का वीडियो देखिए
नेता अपनी राजनीति में इतने अंधे होते हैं कि उन्हें सार्वजनिक रूप से क्या बोलना है क्या नहीं इसका भी ध्यान नहीं रखते। यही नहीं ये लोग इतने असंवेदनशील हो जाते हैं कि रेप जैसे मुद्दे पर बेहद गैरजिम्मेदाराना बयान देते हुए उनका दिल उन्हें रोकता नहीं। राजस्थान एक मंत्री ने विधानसभा के अंदर ही एक ऐसा असंवेदनशील और गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है जिसे सुनकर किसी को भी शर्म आ जाय, लेकिन इन मंत्री जी को कोई शर्म नहीं आई।
राजस्थान के मंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा में कहा कि दुष्कर्म के मामले में हम नंबर वन हैं। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान मर्दों का प्रदेश है। सदन में मुस्कराते हुए दुष्कर्म मामलों में राजस्थान को देश का नंबर वन प्रदेश स्वीकार करते हुए राजस्थान तो वैसे भी मर्दों का प्रदेश रहा है, अब क्या करें।
बयान का चौतरफा विरोध
धारीवाल के इस बयान पर राजस्थान की राजनीति गरमा गई है। विधानसभा में इस बयान पर जमकर हंगामा हुआ। हंगामे की वजह से विधानसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित हुई। इस बीच शांति धारीवाल के बयान पर प्रदेश की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने ट्वीट में लिखा कि संसदीय कार्य मंत्री के घृणित बयान से व्यथित हूं।
हंगामा बढ़ने पर मांगी माफी
सदन में अपनी टिप्पणी को लेकर विपक्षी विधायकों के हंगामे के बीच संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने गुरुवार को माफी मांगते हुए कहा कि मेरी जुबान फिसल गई है। भाजपा ने उनके खिलाफ नारेबाजी की और उनके इस्तीफे की मांग की। धारीवाल ने कहा कि जुबान फिसलने के लिए मुझे खेद है। मैं रेगिस्तानी राज्य के लिए कुछ कहना चाहता था। मैं व्यक्तिगत रूप से महिलाओं का सम्मान करता हूं और आगे भी करता रहूंगा। अगर मेरी टिप्पणियों से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं माफी मांगता हूं।
#WATCH | Rajasthan Minister Shanti Kumar Dhariwal says in Assembly, "…We are number 1 when it comes to rape cases. Why is it so?…Rajasthan has been a land of men. What we can do about it?…" (09.03.2022)
(Source: Rajasthan Assembly) pic.twitter.com/cqSSybvaSC
— ANI (@ANI) March 10, 2022
आपको बता दें कि बुधवार को उन्होंने पुलिस विभाग को अनुदान की मांग के जवाब में कुछ टिप्पणी की थी, जिसे विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने महिलाओं, जनता और बहादुर पुरुषों का अपमान कहा था। बाद में उन्हें निष्कासित कर दिया गया। हालांकि स्पीकर सीपी जोशी ने कटारिया से प्रश्नकाल के दौरान मामला नहीं उठाने को कहा, लेकिन विपक्ष ने हंगामा जारी रखा और धारीवाल के इस्तीफे की मांग की। अध्यक्ष ने कहा कि धारीवाल ने उनके कक्ष का दौरा किया था और स्वीकार किया था कि उनकी टिप्पणी अनजाने में थी।