राजनीति

जानिए क्यूँ 6000 करोड़ की कंपनी का वारिस कर रहा कोच्‍चि में वेटर की नौकरी

द्रव्य के पिता और सूरत में हीरों का कारोबार सावजी ढोलकिया ने कहा, ‘मैंने अपने बेटे से कहा कि उसे अपने लिए पैसे कमाने के लिए काम करना होगा। उसे किसी एक जगह पर एक हफ्ते से ज्यादा नौकरी नहीं करनी होगी। वह न तो अपने पिता की पहचान किसी को बता सकता है और न ही मोबाइल का इस्तेमाल कर सकता है। यहां तक कि घर से जो 7,000 रुपए उसे मिले हैं, वह भी उसे इस्तेमाल नहीं करना है।’ बेटे के साथ इस तरह के व्‍यवहार के बारे में सावजी ने कहा, ‘मैं चाहता था कि वह जिंदगी को समझे और देखे कि गरीब लोग किस तरह नौकरी और पैसा कमाने के लिए संघर्ष करते हैं। कोई भी यूनिवर्सिटी आपको जिंदगी की ये बातें नहीं सिखा सकता। ये बस जिंदगी के अनुभवों से ही सीखी जा सकती हैं।’

भले ही द्रव्य ने कई जगहों पर नौकरी के लिए हाथ फैलाया हो लेकिन वो एक अमीर परिवार से आते हैं जिनका वार्षिक टर्न ओवर 1,025 करोड़ रुपए से अधिक है। द्रव्‍य के पिता सावजी ढोलकिया सूरत में हीरों का कारोबार करते हैं। उनकी कंपनी हरे कृष्णा डायमंड एक्सपोर्ट्स 6,000 करोड़ की कंपनी है और 71 देशों में फैली हुई है। सावजी चाहते तो अपने बेटे को दुनिया के सभी एशोआराम यूं ही मुहैया करा सकते थे, लेकिन वह अलग हैं।

द्रव्य कहते हैं, ‘पहले कभी मैंने पैसे की चिंता नहीं की थी और वहां मैं दिन में 40 रुपए के खाने के लिए संघर्ष कर रहा था। मुझे लॉज में रहने के लिए रोजाना के 250 रुपए भी चाहिए होते थे।’ द्रव्य मंगलवार को एक महीने बाद वापस अपने घर लौटे हैं। अपने देश की अच्‍छी यादें लेकर युवा डायमंड व्‍यापारी 5 अगस्‍त को न्‍यूयार्क जा रहे हैं जहां वे पेस यूनिवर्सिटी से बीबीए करेंगे।

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