
यूरोप की चिट्ठी से बेइज्जत हुआ पाकिस्तान, झल्लाए इमरान बोले-भारत को नहीं लिखी, हमें गुलाम समझा है?
पाकिस्तान और उसके प्रधानमंत्री की अक्सर इंटरनेशनल बेइज्जती होती रहती है। कभी इमरान खान कटोरा लिए इस देश से उस देश टहलते हैं। कभी उन्हें किसी देश में रिसीव करने कोई नहीं पहुंचता। कभी चीन की चमचागिरी करते दिखते हैं। अब रूस-यूक्रेन जंग के दौरान भी उनकी और उनके देश पाकिस्तान की जमकर बेइज्जती हो गई है। क्या है पूरा मामला आपको आगे बताते हैं।
यूरोपीय देशों ने पत्र लिखकर सार्वजनिक कर दिया
दरअसल पाकिस्तान स्थित यूरोपीय संघ के सदस्य देशों सहित 22 राजनयिक मिशनों के प्रमुखों ने एक मार्च को संयुक्त रूप से पाकिस्तान को एक पत्र लिखा था। पत्र में पाकिस्तान से यूक्रेन में रूस हमले की निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक प्रस्ताव का समर्थन करने का आग्रह किया गया था। पत्र को सार्वजनिक रूप से भी जारी कर दिया गया था, जो कि आमतौर पर नहीं किया जाता है। इस बात को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री झल्ला गए उन्होंने इसे अपनी और पाकिस्तान की बेइज्जती माना।
झल्लाए इमरान खान ने ये कहा
यूरोपीय देशों के पत्र और उसे सार्वजनिक करने से खफा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को कहा है कि पाकिस्तान पश्चिमी देशों का गुलाम नहीं है जो उनका कहना माने। इसके बाद इमरान खान ने भारत का जिक्र करते हुए उनके आग्रह का जवाब दिया।
No one! Only Imran Khan boldly to West😇#ImranKhan #میلسی_بولے_صرف_کپتان #PindiCricketStadium #Pakistan pic.twitter.com/7H8vRMhqTO
— Fakhar khan (@FAKHARChanddio) March 6, 2022
इमरान खान ने कहा कि जब भारत ने अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हुए कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किया, तब किसी पश्चिमी देश ने भारत से अपना संबंध क्यों नहीं तोड़ा। हम पश्चिमी देशों के गुलाम नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं यूरोपीय संघ के राजदूतों से पूछना चाहता हूं, क्या आपने भारत को ऐसा पत्र लिखा था?
कश्मीर का जिक्र करते हुए इमरान खान ने आगे कहा, ‘जब कश्मीर में हिंदुस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय कानून तोड़ा… संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नियमों के विरुद्ध जाकर जो कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म किया, क्या आप में से किसी ने हिंदुस्तान से कोई रिश्ता तोड़ा? उस पर कोई प्रतिबंध लगाया? तो हम आपके सामने क्या हैं? हम कोई गुलाम हैं कि जो आप कहेंगे हम कर लें?’
पाक विदेश मंत्रालय ने भी जताई नाराजगी
आपको बता दें कि शुक्रवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने भी पश्चिमी देशों के राजनयिकों द्वारा पाकिस्तान को पत्र लिखने और उसे सार्वजनिक करने को लेकर नाराजगी जताई थी। उन्होंने पत्र को सार्वजनिक किए जाने को लेकर कहा था कि ये काम कोई राजनयिक नहीं करता है।
इमरान खान ने रैली के दौरान अफगानिस्तान का भी जिक्र किया और कहा कि अफगानिस्तान में पाकिस्तान ने पश्चिम के सैन्य गठबंधन नेटो का समर्थन किया लेकिन नेटो देशों ने पाकिस्तान के प्रति एहसान जताने के बजाए पाकिस्तान की आलोचना की।
रैली के दौरान इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान चाहता है कि जल्द से जल्द तनाव खत्म हो। उन्होंने कहा, ‘हम रूस के दोस्त हैं, और हम अमेरिका के भी दोस्त हैं। हम किसी भी खेमे में नहीं हैं।’आपको बता दें कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हुई वोटिंग से खुद को अलग रखा था। भारत, चीन जैसे देश भी वोटिंग में शामिल नहीं हुए थे।