राजनीति

चौकाने वाला खुलासा – किसी और वजह से नहीं, बल्कि बेटी मरियम की वजह से गई नवाज शरीफ की कुर्सी

नर्इ दिल्ली –  पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पनामा पेपर लीक मामले में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आय से अधिक संपत्ति का दोषी मानते हुए पीएम पद छोडऩे के फैसले ने पाक कि राजनीतिक भूचाल ला दिया है। Maryam nawazs mistake in Panama Paper case. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद शरीफ ने इस्तीफा दे दिया। लेकिन, नवाज के पीएम की कुर्सी गवाने के पीछे उनकी बेटी मरियम शरीफ को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, जिसकी एक गलती ने पाकिस्तान कि राजनीति को ही बदल कर रख दिया है।

बेटी ने ही डुबोर्इ नवाज शरीफ की लुटिया :

पनामा गेट मामले में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित संयुक्त जांच दल (जेआर्इटी) को मरियज शरीफ ने जो दस्तावेज सौंपे वो जांच में जाली निकले, जिसके बाद कोर्ट ने माना की इन जाली दस्तावेजों के जरिए जेआर्इटी को गुमराह करने की कोशिश की गर्इ। दरअसल, इन दस्तावेजों को मरियम की देखरेख में तैयार किया गया था। इस बात का खुलासा, अंग्रेजी के फॉन्ट से हुआ।

दरअसल, मरियम ने जो दस्तावेज सौंपे थे उन्हें 2006 का बताया गया था। इन दस्तावेजों में अंग्रेजी के कैलिबरी फॉन्ट का इस्तेमाल किया गया था। जबकि, कैलिबरी फॉन्ट का व्यावसायिक इस्तेमाल माइक्रोसॉफ्ट ने अपने यूजर्स के लिए 31 जनवरी 2007 के बाद शुरू किया था। यानि जिस दस्तावेज को 2006 का बताया गया था वो जनवरी 2007 के बाद तैयार किया गया था।

मरियम शरीफ को भी बनाया गया है आरोपी :

पनामा पेपर्स मामले में जेआर्इटी ने मरियम शरीफ को भी आरोपी बनाया है। मरियम पर परिवार की विदेशी संपत्ति और कंपनी के बारे में जानकारी छिपाने का आरोप लगा है। जेआर्इटी ने शरीफ के परिवार पर झूठी गवाही और आय से अधिक संपत्ति बनाने का आरोप भी लगाया है। हालांकि, इस पूरे मामले पर मरियम ने कहा कि जेआर्इटी सिर्फ मेरे परिवार के खिलाफ ही गठित की गर्इ है, जबकि पनामा पेपर लीक मामले में कर्इ लोग शामिल हैं।

दरअसल, पिछले साल ब्रिटेन से लीक कुछ टैक्स डॉक्युमेंट्स लीक हुए थे जिसमें दुनियाभर के 140 नेताओं और सेलिब्रिटीज द्वारा टैक्स हैवन कंट्रीज में पैसा निवेश करने का खुलासा हुआ। इनमें नवाज शरीफ का भी नाम शामिल है। इन नेताओं और सेलिब्रिटीज ने फर्जी कंपनियों, ट्रस्टों और कॉरपोरेशन के जरिए टैक्स बचाया। लीक हुए डॉक्युमेंट्स में खासतौर पर पनामा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड और बहामास में हुए फर्जी निवेश के बारे में बताया गया है।

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