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कनाडा में ‘स्वास्तिक’ पर बैन लगाने के लिए बिल आया, कनाडा ने एक दुखद मिसाल पेश की

भारत में किसान आंदोलन का समर्थन करने वाली कनाडा की ट्रूडो सरकार वहां पर जो-जो दमनकारी नीति अपना रही उसे देखकर कर तो यही लगता है उदारवादी नीतियों का बैंडबाजा बजाने वाले पश्चिमी देश और अमेरिका ये बैंडबाजा दूसरे देशों को फांसने के लिए ज्यादा बजाते हैं, जब बात अपनी आती है तो एक सीमा के बाद ये देश दोहरा मापदंड अपनाते हैं। और उदारवादी नीतियों को ताक पर रखकर कठोर से कठोर कदम उठाने से नहीं चूकते हैं, भले ही वो मानवाधिकार और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ ही क्यों ना हों।

कनाडा में जारी आंदोलन के दबाने के लिए इमरजेंसी लागू करने के बाद अब वहां की सरकार ने स्वास्तिक प्रतीक चिन्ह को भी बैन करने के लिए एक बिल लाया है। प्रधानमंत्री ट्रूडो और एक भारतीय मूल के नेता जगमीत सिंह ने कहा है कि प्रदर्शनों को और बढ़ाने के लिए स्वास्तिक प्रतीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक बिल भी लाया गया है।

कनाडा में सैकड़ों ट्रक ड्राइवर कोविड वैक्सीन और लॉकडाउन का सड़कों पर विरोध कर रहे हैं। कनाडा की राजधानी ओटावा में प्रदर्शनकारियों के ट्रकों ने जाम की स्थिति पैदा कर दी है। इस प्रदर्शन में कथित रूप से स्वास्तिक और कॉन्फेडरेट झंडे (गोरे लोगों के वर्चस्व का प्रतीक) लहराए गए।

स्वास्तिक’ के खिलाफ लाया बिल

इसे लेकर न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के नेता जगमीत सिंह ने 2 फरवरी को किए गए एक ट्वीट में लिखा, ‘स्वास्तिक और कॉन्फेडरेट झंडे का कनाडा में कोई स्थान नहीं है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने सभी समुदायों को सुरक्षित रखें। यह कनाडा में नफरत के प्रतीकों पर प्रतिबंध लगाने का समय है। हमें साथ मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि समाज में नफरतके लिए कोई जगह न हो।’

इसके लिए बिल सी-229 लाया गया है जो नाजी स्वास्तिक, कू क्लक्स क्लान के प्रतीक चिन्ह और कॉन्फेडरेट झंडे जैसे प्रतीकों के प्रदर्शन या बिक्री को प्रतिबंधित करेगा।

हिंदूपैक्ट ने जताया विरोध

हिंदूपैक्ट (Hindu Policy Research and Advocacy Collective) नामक हिंदू संगठन ने इन बयानों पर आपत्ति जताई है। हिंदूपैक्ट ने ट्रूडो और जगमीत सिंह से आग्रह किया है कि वे स्वास्तिक और हकेनक्रेज को लेकर भ्रमित ना हों। स्वास्तिक हिंदुओं, बौद्धों, सिखों और दुनिया भर के कई समुदायों के लिए एक प्राचीन और शुभ प्रतीक है जबकि हकेनक्रेज 20वीं सदी के नाजी नफरत का प्रतीक माना जाता है।

अमेरिका आधारित संगठन हिंदूपैक्ट के कार्यकारी निदेशक उत्सव चक्रवर्ती ने कहा, ‘हमारा मानना है कि इस गलत बयानी से हिंदुओं और सिखों के खिलाफ अपराध होंगे। पिछले महीने कनाडा में छह हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की गई और लूटपाट की गई है।’

हिंदुपैक्ट ने कनाडा की सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी के प्रमुख ट्रूडो से ये भी आग्रह किया कि वे कनाडा के लोगों के शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार का सम्मान करें।हिंदूपैक्ट के उत्सव चक्रवर्ती ने कहा, ‘शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार किसी भी लोकतंत्र में मौलिक अधिकार है। असंतोष की आवाज को दबाने के लिए आपातकाल लगाकर पहली बार कनाडा ने एक दुखद मिसाल पेश की है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘अगर मैं विरोध प्रदर्शनों और उन्हे दबाने के लिए किए जा रहे कठोर उपायों को लेकर कनाडा से आ रही खबरों को अनदेखा कर दूं तो मुझे खेद होगा. स्थिति चिंताजनक है, और हम सभी अपने परिवार और दोस्तों के लिए बहुत चिंतित हैं।’

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