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शाहरुख खान की मुश्किल बढ़ी: लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर के पास फातिहा पढ़ने पर आर्यन ने किया केस

लता मंगेशकर के अंतिम संस्कार में शाहरुख द्वारा फातिहा पढ़ने का मामला अब अदालत पहुंच गया है। बिहार में अभिनेता शाहरुख खान पर एक परिवाद दायर किया गया है। ये परिवाद आर्यन ने हाजीपुर की अदालत में दायर किया है।

मामला लता मंगेशकर की अंतिम संस्कार के दौरान फातिहा पढ़ने का है। आर्यन के मुताबिक शाहरुख खान ने सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर के अंतिम संस्कार के दौरान श्रद्धांजलि कार्यक्रम में पार्थिव शरीर पर फातिहा पढ़ा और फूंक मारी। आर्यन ने दायर परिवाद में कहा है कि ‘इससे हिन्दू धर्म के लोगों को दुख पहुंचा है। हमारी भावनाओं को ठेस पहुंची है।’

हाजीपुर में दायर हुआ केस

शाहरुख पर मुकदमा दायर करने वाले हाजीपुर के आर्यन सिंह ने कहा है कि ‘मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा है कि न्याय मिलेगा। आर्यन सिंह की ओर से अधिवक्ता रमेश सिंह चंदेल ने परिवाद दायर कराया है।

वकील रमेश सिंह चंदेल के मुताबिक अदालत अभी वर्चुअल मोड में चल रही है, इसलिए परिवाद पत्र को ई फाइलिंग के जरिए दायर किया गया है। ये परिवाद भारतीय दंड संहिता की धारा 295, 295A, 500 और 504A के अंतर्गत दायर कराया गया है।

शाहरुख ने फातिहा पढ़ने के बाद फूंक मारी थी

lata mangeshkar

लता मंगेशकर के अंतिम संस्कार के दौरान तमाम नामी हस्तियां शिवाजी पार्क में मौजूद थीं। इस दौरान शाहरुख और उनकी मैनेजर पूजा ददलानी, लता मंगेशकर की अंत्येष्टि के दौरान शिवाजी पार्क में नजर आए। सबसे पहले शाहरुख खान ने लता मंगेशकर को पुष्पांजलि अर्पित की, उनके पैर छुए और मरहूम के लिए दुआ की और फिर मास्क हटाकर फूंक दिया।

लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर पर फूंकते हुए शाहरुख खान की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। कई लोग बिना सोचे समझे शाहरुख खान की आलोचना करने लगे। इंटरनेट पर कई ट्रोलर्स ने शाहरुख खान के ऐसा करने पर ऐतराज जताया। उनका कहना है कि शाहरुख खान ने लता मंगेशकर ने पार्थिव शरीर पर फूंकने की जगह ‘थूका’ है।

दुआ करने की ये इस्लामिक परंपरा है

शाहरुख खान ने ऐसा क्यों किया था इसके पीछे क्या वजह है। दरअसल, ये एक इस्लामिक परंपरा है। इस्लामिक परंपरा के मुताबिक, जब कोई दुआ की जाती है तो उसके लिए दोनों हाथों को उठाकर सीने तक लाना होता है और अल्लाह से मिन्नतें की जाती हैं। इस्लामिक नजरिए से समझें, तो दुआ का ये तरीका बड़ा आम है।

मस्जिदों या दरगाहों पर ऐसे दृश्य जा सकते हैं जहां कोई मां-बाप अपने बच्चे के लिए मुफ्ती या मौलाना से दुआ कराते हैं तो वे दुआ करने से साथ-साथ बच्चे के ऊपर फूंक मारते हैं। ऐसा बड़ों के लिए भी किया जाता है क्योंकि दुआ किसी भी इंसान के लिए की जाती है।

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