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जयमाल हो चुका था, सात फेरे बस शुरू होने वाले थे, तभी दुल्हन को पता चली एक बात और लौटा दी बारात

एक छोटी सी बात के लिए दुल्हन ने शादी करने से कर दिया मन और लौटा दी बारात

शादी से पहले दुल्हन को उसके ससुराल के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी जाय या गलत जानकारी दे दी जाय तो उसका नतीजा बारातियों के लिए बहुत असहज भरा भी हो सकता है। यूपी के इटावा में कुछ ऐसा ही हुआ। दूल्हे ने दुल्हन के गले में जयमाल डाल दी थी।

आधी रात के बाद मंडप में शादी की कई रश्में भी हो चुकीं थी, बस अब सात फेरे बाकी थे तभी दुल्हन को ऐसी जानकारी मिली कि वो मंडप से उठ गई और शादी करने से इनकार कर दिया। दुल्हन के जिद के आगे किसी की एक न चली और फिर दूल्हे समेत सभी बारातियों को बैरंग लौटना पड़ा। क्या है पूरा मामला आपको आगे बताते हैं-

इटावा से जालौन आई थी बारात 

इटावा की चकरनगर तहसील स्थित थाना बिठौली इलाके के बंसरी गांव निवासी विपिन कुमार की शादी जालौन जनपद की डॉली के साथ तय हुई थी। यह शादी 22 जनवरी दिन शनिवार की शाम को चकरनगर के एक निजी गेस्ट हाउस में संपन्न होने वाली थी। शाम को बंसरी गांव से बारात धूमधाम से चकरनगर के एक निजी गेस्ट हाउस में पहुंची। बैंड बाजे के साथ घुड़चढ़ी का कार्यक्रम हुआ और उसके बाद जयमाल या वरमाला का कार्यक्रम भी संपन्न हो गया।

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सात फेरे होने से पहले ही रुक गई शादी  

आधी रात के बाद पाणिग्रहण संस्कार कार्यक्रम शुरू हो गया। पंडित ने दूल्हा-दुल्हन को मंडप के नीचे बुला लिया और मांग भराई की रस्म शुरू हुई। अब सात फेरों का कार्यक्रम शुरू होने वाला था, लेकिन तभी दुल्हन को यह पता चला कि उसको विदाई के बाद जालौन के बीहड़ इलाके में स्थित गांव बंसरी जाना होगा और वहीं रहना होगा। गांव में ही सुसराल के होने और वहीं रहने की जानकारी मिलते ही दुल्हन ने सात फेरे लेने से मना कर दिया शादी करने से इनकार कर दिया। दुल्हन गांव में जीवन नहीं बिताना चाहती थी।

फैसले पर अड़ी दुल्हन, पहुंची पुलिस 

वर और वधू पक्ष के लोगों ने दुल्हन को बहुत समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं मानी और जिद पर अड़ी रही। इस दौरान घराती और बारातियों के बीच में तनाव की स्थिति भी बन गई। मौके पर पुलिस को बुलाया गया। पुलिस ने भी समझाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। हालांकि, फिर बुजुर्गों के हस्तक्षेप के बाद लेन-देन का आपसी समझौता हुआ और बिना दुल्हन के ही दूल्हे को लौटना पड़ा।

चकरनगर के थानाध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि कानूनी प्रक्रिया के लिए किसी भी पक्ष से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। दोनों पक्षों के लोगों ने आपस में ही समझौता कर शादी रद्द करने का फैसला किया है।

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