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बुल्ली बाई ऐप का मुख्य आरोपी नीरज लैपटॉप का था दीवाना, असम के जोरहाट से हुआ गिरफ्तार…

बीते कई दिनों से देश में एक मुद्दे की गूंज सुनाई दे रही हैं और वह है मुस्लिम महिलाओं की तस्वीर को नीलाम करने वाले ‘बुल्ली बाई ऐप’ से सम्बंधित। जी हां अब इस ऐप के क्रिएटर नीरज बिश्नोई को दिल्ली पुलिस ने असम के जोरहाट से गिरफ्तार कर लिया है और उसकी गिरफ्तारी के बाद जो खुलासे हो रहें हैं वो काफ़ी चौंकाने वाले हैं। बता दें कि गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने नीरज को अरेस्ट किया और इस ऐप को असम के जोरहाट निवासी नीरज बिश्नोई ने ही बनाया है जो कि बीटेक सेकंड ईयर का छात्र है।

Bulli Bai App

वहीं पूछताछ में नीरज ने बताया कि वह कुछ पत्रकारों के राजनीतिक स्टैंड और रिपोर्ट से बेहद खफा था और उन्हें सबक सिखाना चाहता था। आइए ऐसे में समझते हैं इस नीरज की पूरी कुंडली और इस मामले से सम्बंधित जानकारी…

कौन है नीरज बिश्नोई ?…

बता दें कि इस मामले का मुख्य आरोपी नीरज वेल्लोर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी में कंप्यूटर साइंस से बीटेक सेकंड ईयर का छात्र है और असम के जोरहाट के दिगंबर चौक इलाके में अपने पैरंट्स और भाई-बहन के साथ रहता है। पिता दशरथ बिश्नोई दुकानदार हैं। जबकि नीरज अकेला बेटा है और सबसे छोटा है और उससे बड़ी उसकी दो बहनें हैं।

वहीं नीरज के पिता के मुताबिक उसे 10वीं में 86 फीसदी नंबर लाने पर असम सरकार की तरफ से लैपटॉप मिला था। उसके बाद से वह लैपटॉप पर ही दिन बिताता है और वह पढ़ता था, लेकिन इसी बीच नीरज ने ऐसा कर दिया। जिसके बारे में उनके माता-पिता को भी नहीं पता।

क्या है बुल्ली बाई ऐप?…

Bulli Bai App

वहीं बता दें कि बुल्ली बाई ऐप सैन फ्रांसिस्को बेस्ट ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म गिटहब पर अपलोड की गई थी। इसमें ऑनलाइन नीलामी के लिए मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड की गईं। बुल्ली बाई ऐप लोगों को फंसाने और उनसे आर्थिक वसूली का जरिया था। इस ऐप के पीछे का आइडिया यह था कि भारतीय महिलाओं (खासकर मुस्लिम) को नीलामी के लिए रखकर बदले में पैसे कमाए जाएं। हालांकि अभी तक ऐसी कोई वास्तविक नीलामी घटना की सूचना नहीं मिली है।

Bulli Bai App

वहीं अब नीरज के पिता दशरथ बिश्नोई ने बताया है कि उनका बेटा बहुत ही इंटेलिजेंट है लेकिन उसके बेहद कम दोस्त हैं और वह दिन भर लैपटॉप से चिपका रहता था। दशरथ बिश्नोई के मुताबिक, असम सरकार की तरफ से दसवीं क्लास की परीक्षा में सबसे ज्यादा अंक लाने वाले को लैपटॉप दिया जाता है और नीरज को इसी योजना के तहत लैपटॉप मिला था। इसके बाद से ही वह लैपटॉप से भर दिन चिपका रहता था और मार्च 2020 में लगे कोविड लॉकडाउन के समय से वह कमरे में बंद था।

Bulli Bai App

उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि, “वह क्या करता था, हमें कुछ नहीं पता। नीरज बचपन से ही चुपचाप रहता था। उसके बेहद कम दोस्त थे।” वहीं मालूम हो कि नीरज के पिता दशरथ बिश्नोई असम में कमर्शियल वैन चलाने का काम करते हैं। इतना ही नहीं बता दें कि नीरज की गिरफ्तारी को लेकर उनके पिता कहते हैं कि, “हमें नहीं पता इस ऐप के पीछे कौन है। हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वह जल्द घर लौट आए और अगले माह अपने सेकंड सेमेस्टर के एग्जाम में बैठ सके।”

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इसके अलावा जानकारी के लिए बता दें कि नीरज बिश्नोई को गुरुवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने असम के जोरहाट से गिरफ्तार किया था। दशरथ बिश्नोई ने बताया कि पांच जनवरी की रात दिल्ली पुलिस के तीन अधिकारी उनके बेटे से पूछताछ के लिए असम पहुंचे थे। अगली सुबह ही पुलिसवाले नीरज को घर से लेकर निकल गए थे और नीरज बिश्नोई बुल्ली बाई ऐप मामले में गिरफ्तार हुआ चौथा आरोपी है।

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