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एक-दूसरे का हाथ थाम सैनिक परिवारों ने दिखाया साहस, ऐसे कर रहें गम के पहाड़ का सामना। देखें…

दुखों के पहाड़ के बीच एक-दूजे का हाथ थाम आगे बढ़ रहीं बिपिन रावत की बेटियां। देखें तस्वीरें...

तमिलनाडु के कुन्नूर में जब बीते दिनों हेलीकॉप्टर दुर्घटना हुई। उसके तुरंत बाद से देश के लगभग सभी लोगों की सांसें थम सी गईं। जी हां मामला ही कुछ ऐसा था कि एक अजीब सी सिहरन पैदा होना स्वाभाविक थी। सभी सीडीएस बिपिन रावत के लिए दुआएँ मांगने लगे, लेकिन शाम होते होते एक झकझोर देने वाली ख़बर आईं कि अब पत्नी सहित बिपिन रावत हम सभी के बीच नहीं रहें औऱ उसके बाद से ही लगातार देश गमगीन है।

लोगों के ज़ुबान पर एक ही सवाल है कि जनरल साहब! ऐसे जाता है भला कोई? न कोई चिट्टी, न कोई संदेश फिर भी आप चले गए। वहीं जहां एक तरफ़ बिपिन रावत का यूं चले जाना देश को गमगीन कर गया। वहीं दूसरी तरफ़ दो बेटियां ऐसी भी हैं। जिनके सिर से माता – पिता का साया उठ गया। बता दें कि इस दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 10 अन्य रक्षा कर्मियों की जान चली गई।

Gen Bipin Rawat Last Journey

वहीं हादसे में जिनकी मौत हुई है उनके परिवार के लिए यह दर्द कितना मुश्किल है इसका हमलोग सिर्फ़ अंदाजा लगा सकते हैं। वहीं नई दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर गुरुवार को एक हैंगर में 13 ताबूत रखे गए थे। दृश्य ऐसा था कि दिल बिल्कुल भारी हो गया। ऐसे में इन हादसे में जान गंवाने वाले सैन्य कर्मियों के परिजनों के दिल पर क्या बीत रही होगी। शायद उसे शब्दों तो बयां नहीं किया जा सकता है। फिर भी आइए आपको हम कुछ दृश्य के माध्यम से रूबरू कराते हैं उन परिस्थितियों से जो समझते हैं कि आख़िर किस परिस्थिति में हैं उनके परिजन…

Gen Bipin Rawat Last Journey

बता दें कि हादसे में जान गंवाने वाले ब्रिगेडियर एल. एस. लिद्दर की बेटी और पत्नी गीतिका लिद्दर शाम को एयरपोर्ट पर पहुंची। ऐसे में उनकी बेटी की आंखों में आंसू उनके दुख से कही अधिक मर्माहत करने वाले थे।

इसके अलावा बात सीडीएस बिपिन रावत की करें तो उनकी तो सिर्फ़ दो बेटियां हैं। जिसमें एक बेटी का नाम कृतिका रावत है और ऐसे में जब गुरुवार को पालम एयरपोर्ट पर इन बेटियों ने अपने पिता का शव देखा। तो दोनों बेटियां एक दूसरे का हाथ थामे खड़ी थी। वहीं ऐसा लग रहा था कि जैसे विपदा की इस घड़ी में वे एक दूसरे को ढांढस दे रही हो।

पापा को दी श्रद्धांजलि…

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वहीं ब्रिगेडियर एल. एस. लिद्दर की पत्नी गीतिका लिद्दर अपनी बेटी को सहारा देती दिखीं और इस दौरान बेटी भी मां के कंधे पर सिर रखते हुए अपने दुख को कम करने की कोशिश कर रही थी।

बेटियों के सिर से उठ गया पिता का साया…

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बता दें कि ब्रिगेडियर लिद्दर के परिवार में पत्नी गीतिका लिद्दर और बेटी आशना लिद्दर है। वहीं पिता की मौत के बाद बेटियों के सिर पर अब उनका हाथ नहीं होगा। गौरतलब हो कि ब्रिगेडियर एल. एस. लिद्दर को दिसंबर 1990 में जम्मू-कश्मीर राइफल्स (जेएकेआरएफ) में शामिल किया गया था। वहीं ब्रिगेडियर लिद्दर ने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के साथ जेएकेआरएफ की एक बटालियन की कमान भी संभाली थी। इसके अलावा उन्होंने भारत की उत्तरी सीमाओं पर एक ब्रिगेड की कमान भी संभाली। उन्होंने सैन्य संचालन निदेशालय में निदेशक के रूप में कार्य किया। ब्रिगेडियर लिद्दर जनवरी 2021 से सीडीएस के रक्षा सहायक थे। उन्हें मेजर जनरल रैंक देने को मंजूरी दी जा चुकी थी। उन्हें एक डिविजन का प्रभार संभालना था।

सैन्य विमान से पार्थिव शरीर दिल्ली लाएं गए…

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बता दें कि तमिलनाडु में बुधवार को हुई एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु होने के बाद जनरल रावत, उनकी पत्नी और 10 अन्य रक्षाकर्मियों के पार्थिव शरीर एक सैन्य विमान से दिल्ली लाएं गए। वहीं इस दरमियान जनरल रावत की बेटियां गुमसुम नजर आईं। जी हां पिता के पार्थिव शरीर के पास जनरल रावत की दोनों बेटियां एकदम गुमसुम खड़ी थीं और शायद मन ही मन यही कह रही हो कि पापा ऐसे बिना बताए कोई जाता है क्या भला?

Gen Bipin Rawat Last Journey

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वहीं आख़िर में बता दें कि जनरल रावत का पार्थिव शरीर जब पालम एयरपोर्ट पर पहुंचा तो दोनों बेटियां वहां मौजूद थी। पिता के पार्थिव शरीर की तरफ बढ़ते हुए दोनों बेटियों के चेहरे पर उदासी साफ-साफ़ देखी जा सकती थी। वैसे माहौल कुछ ऐसा है कि कोई भी इस बात को सुनकर उदास हो उठे। वहीं दोनों बेटियां भारी कदमों के साथ पिता के पार्थिव शरीर की तरफ बढ़ रही थीं।

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आज होगा अंतिम संस्कार…

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मालूम हो कि अंतिम संस्कार से पहले, जनरल रावत और उनकी पत्नी का शव दिल्ली के कामराज मार्ग स्थित उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। वहीं सुबह 11 बजे से 12.30 बजे तक आम लोग अंतिम दर्शन कर सकेंगे और दोपहर 2 बजे तक दर्शन के बाद शवों को दिल्ली कैंट स्थित बराड़ स्क्वायर श्मशान घाट ले जाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार होगा।

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