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किसके बाप का है ‘भारत’? औवैसी भाइयों को ऐसे सवाल पूछने से पहले शर्म क्यों नहीं आती?

नई दिल्ली – असदुद्दीन ओवैसी के भाई और एआईएमआईएम विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को हैदराबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर कहा था कि, ‘नरेन्द्र मोदी यह हिंदुस्तान तेरे बाप का नहीं है।’ ओवैसी ने इस दौरान न केवल देश के प्रधानमंत्री को अपशब्द कहें बल्कि देश की विधायिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि संसद में केवल मुसलमानों के खिलाफ कानून बन रहे हैं। देश के विधायक के मुंह से देश के प्रधानमंत्री लिए ऐसे अपशब्द सुनना वाकई में हैरान करने वाला था। Owaisi controversial statement on PM Modi.

किसी के बाप का नहीं है ‘भारत’ :

ओवैसी कल जोश में बोलते हुए शायद यह भूल गए कि भारत एक ऐसा लोकतांत्रिक देश है जहां सभी जातियों, धर्मों और समुदायों के लोगों को बराबरी का अधिकार है। अगर ऐसा न होता तो देश का एक मामूली विधायक खुलेआम प्रधानमंत्री को गाली देकर बाहर नही घुम रहा होता।

लेकिन, कुछ लोग इस बात पर ये भी कह सकते हैं कि सबको बोलने का अधिकार है। सबको फ्रीडम ऑफ स्पीच का अधिकार है। तो ओवैसी जैसों को बता दें कि अगर तुमने हिन्दुस्तान को छोड़कर किसी और देश के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति को ऐसा कहा होता तो अब तक पता चल गया होता कि फ्रीडम ऑफ स्पीच क्या होता है।

प्रधानमंत्री को गाली देने वाले करते हैं अधिकार की बात :

देश के प्रधानमंत्री को गाली देने के बाद भी ओवैसी जैसों को मुस्लमानों के अधिकार की बात करने में शर्म क्यों नही आती। तुम्हारे पास तो देश के प्रधानमंत्री को गाली देने का अधिकार है अब और कितना अधिकार चाहिए? सच तो ये है कि तुम्हें इतना अधिकार है कि तुम देश के प्रधानमंत्री तक को गाली दे सकते हो? और वो भी चोरी छिपे नहीं बल्कि भरे समाज में।

इसके बावजूद तुम अगर पूछते हो कि ‘भारत’ किसके ‘बाप’ का है। तो तुम्हें शर्म आनी चाहिए। इस तरह के बेहूदा सवालों से कुछ हासिल नही होने वाला। तुम भी एक विधायक के रुप में इस देश की विधायिका का हिस्सा हो इसलिए देश की विधायिका और देश के प्रधानमंत्री खिलाफ जहर उगला बंद करो।

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