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पैर धुलाकर 1200 लोगों की हुई हिंदू धर्म में वापसी, तीन पीढ़ियों पहले पूर्वज बने थे ईसाई

गरीबी के कारण पूर्वज बन गए थे ईसाई, अब जागरूक हुए तो हिंदू धर्म में 400 परिवारों ने की वापसी

छत्तीसगढ़ के जशपुर में ईसाई धर्म से कई परिवारों ने हिंदू धर्म में वापसी की है. उनका कहना है कि तीन पीढ़ी पहले उनके पूर्वजों ने किसी कारणवश ईसाई धर्म अपना लिया था हालंकि अब वे जागरूक हो गए है और उन्होंने अपने मूल धर्म में वापसी कर ली है. जानकारी के मुताबिक़, आर्य समाज और हिंदू धर्म की ओर से संयुक्त आयोजन में 400 परिवारों के 1200 लोगों ने हिंदू धर्म अपनाया है.

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बता दें कि, हिंदू धर्म में इन परिवारों और सैकड़ों लोगों की वापसी भाजपा के प्रदेश मंत्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने करवाई है. उन्होंने हिंदू धर्म में इन लोगों का पैर धुलाकर स्वागत किया है. इस आयोजन में शामिल होने के लिए भी हजारों लोगों की भीड़ आई थी. दो दिन चले इस आयोजन में अधिकतर घर वापसी करने वाले लोग बसना सराईपाली के थे.

इस दौरान अपने संबोधन में प्रदेश मंत्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि, उनके जीवन का एक मात्र लक्ष्य हिंदुत्व की रक्षा करना है. 400 परिवार के 1200 लोगों द्वारा ईसाई धर्म छोड़कर अपने मूल धर्म हिंदू धर्म में आने पर भाजपा नेता ने खुशी जाहिर की है और उन्होंने कहा कि, किसी की मजबूरी का फायदा उठाकर किया गया काम कभी टिकाऊ नहीं होता है.

जूदेव ने इस दौरान ईसाई मिशनरियों को भी आड़े हाथों लिया. बता दें कि, कोरोना से हालत स्थिर होने के बाद करीब दो साल बाद ऑपरेशन घर वापसी की शुरुआत हुई. जूदेव ऑपरेशन घर वापसी के प्रमुख है. उन्होंने ईसाई मिशनरियों को निशाना बनाया और आरोप लगाया कि गरीबों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनका धर्मांतरण किया गया था.


जिन परिवारों की वापसी हिंदू धर्म में हुई है उन्हें कार्यक्रम स्थल पर 20 बसों में लाया गया था. 400 परिवारों में से 300 परिवार बसना सराईपाली के जबकि 100 परिवार स्थानीय थे. ईसाई धर्म से हिंदू धर्म में लौटकर आए लोगों ने कहा कि उनके पूर्वजों ने खेती में कुछ मदद और बीमारियों में इलाज की सहायता मिलने के प्रलोभन के चलते धर्म परिवर्तन कर लिया था.

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बता दें कि आर्य समाज और हिंदू समाज ने संयुक्त रुप से दो दिवसीय महायज्ञ का आयोजन पत्थलगांव के खूंटापानी में किया था. कार्यक्रम में प्रबल प्रताप सिंह जूदेव मुख्य अतिथि थे. उन्होंने खुद लोगों की मूल धर्म में वापसी करवाई और उनके पैर भी धुलाए. इस दौरान कार्यक्रम में हजारों लोगों की भीड़ के साथ ही विशिष्ट अतिथि के तौर पर रायगढ़ राजघराने के देवेन्द्र प्रताप सिंह, आर्य समाज के अंशुल देव महाराज, जशपुर के विजय आदित्य सिंह जूदेव, खुड़िया दीवान प्रदीप नारायण आदि उपस्थित रहे.

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