राजनीति

सैयद सलाउद्दीन को अमेरिका ने माना अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी, अब होगी आतंक के खिलाफ जंग!

वॉशिंगटन: अमेरिका के विदेश विभाग ने हिजबुल मुजाहिद्दीन के प्रमुख सैयद सलाउद्दीन का नाम अंतरराष्ट्रीय आतंकियों की लिस्ट में शामिल कर लिया है. इस कार्रवाई के बाद अब कोई भी अमेरिकी नागरिक सैयद सलाउद्दीन के साथ कोई भी वित्तीय लेनदेन नहीं कर सकेगा. साथ ही अमेरिका में उसकी कोई भी संपत्ति जब्त की जा सकती है. आपको बता दें कि अमेरिकी सरकार ने यह कदम भारतीय पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की मुलाकात से ठीक पहले उठाया है. भारत सरकार ने अमेरिका के इस फैसले का स्वागत किया है, भारत ने बयान जारी कर कहा है कि इस कदम से स्पष्ट होता है कि दोनों देश आतंकवाद के खतरे को एक समान महसूस कर रहे हैं. syed salahuddin as global terrorist.

अमेरिका ने सैयद सलाउद्दीन को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित किया :

इस लिस्ट (एसडीजीटी) में अमेरिका खासतौर पर उन विदेशी लोगों का नाम शामिल करता है. जिन्होंने आतंकवादी वारदात को अंजाम दिया हो या जिनसे इस तरह का खतरा हो. अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि सैयद सलाउद्दीन के नाम से मशहूर मोहम्मद यूसुफ शाह को एसडीजीटी घोषित कर दिया गया है. नोटिफिकेशन में आगे कहा गया है कि सलाउद्दीन ने सितम्बर, 2016 में कश्मीर के मामले पर किसी भी शांतिपूर्ण समाधान की कोशिश को बाधित करने का संकल्प लिया था. उसने अधिक से अधिक कश्मीरी युवाओं को आत्मघाती हमलावर बनाने की चेतावनी दी थी और कश्मीर घाटी को भारतीय सुरक्षा बलों के लिए कब्रगाह में बदलने का संकल्प भी लिया था.

इसके अलावा सलाउद्दीन के नेतृत्व में कश्मीर में हुए हमलों और बम धमाकों का भी जिक्र किया गया है. आपको बता दें कि सैयद सलाउद्दीन हिजबुल मुजाहिद्दीन का प्रमुख है, पहले वह कश्मीर की जेल में बंद था वहां से एक हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद सलाउद्दीन रिहा हुआ और बॉर्डर पार कर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद जा पहुंचा. वहां यह हिजबुल से जुड़ा और खासतौर से कश्मीर में होने वाली आतंकी गतिविधियां संचालित करने लगा. गौरतलब है कि सन 1989 में हिजबुल मुजाहिद्दीन की स्थापना एहसान डार ने की थी.

71 वर्षीय सलाउद्दीन फिलहाल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में रहता है, हिजबुल मुजाहिद्दीन के साथ साथ वह यूनाइटेड जिहाद काउंसिल भी चलाता है. पठानकोट एयरबेस स्टेशन पर हमले की जिम्मेदारी यूनाइडेट जिहाद काउंसिल ने ही ली थी. बताया जाता है कि सलाउद्दीन अपने सुरक्षित ठिकानों में पाकिस्तान से ही कश्मीर में होने वाली आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है.

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