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इस मुस्लिम देश के पूर्व राष्ट्रपति की बेटी अपनाने जा रही हिंदू धर्म, यह है वज़ह…

अपनी दादी की वज़ह से पूर्व राष्ट्रपति की बेटी अपनाएंगी हिंदू धर्म, जानिए पूरी कहानी...

दुनिया के सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णाें की बेटी दीया मुटियारा सुकमावती ने इस्लाम छाेड़कर हिंदू धर्म अपनाने का फैसला किया है। बता दें कि उन्हें सुकमावती सुकर्णोपुत्री के नाम से भी जाना जाता है। धर्मांतरण समाराेह के प्रभारी आर्य वेदकर्ण ने कहा कि 26 अक्टूबर को बाली अगुंग सिंगराजा में शुद्धि वधनी नाम का कार्यक्रम होगा। इसमें वे हिंदू धर्म अपनाएंगी।

धर्मांतरण समारोह की तारीख पर ही सुकमावती का 70वां जन्मदिन भी है। गौरतलब हो कि मंगलवार को बाली में सुकर्णो हेरिटेज क्षेत्र में इसके लिए कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

‘शुद्धि वदानी’ नामक कार्यक्रम के दौरान अपनाएंगी हिंदू धर्म…

बता दें कि 70 साल की सुकमावती सुकर्णोपुत्री इंडोनेशिया के पूर्व राष्ट्रपति सुकर्णों की तीसरी बेटी और पूर्व राष्ट्रपति मेगावती सुकर्णोपुत्री की छोटी बहन हैं। वह इंडोनेशिया में ही रहती है। उनकी शादी कंजेंग गुस्ती पंगेरन आदिपति आर्य मंगकुनेगारा IX से हुई थी, लेकिन साल 1984 में उनका तलाक हो गया था। वह इंडोशियन नेशनल पार्टी (Partai Nasional Indonesia-PNI) की संस्थापक भी हैं। बाली के अगुंग सिंगराजा में 26 अक्तूबर को ‘शुद्धि वदानी’ नामक एक कार्यक्रम होगा, जिस अवसर पर सुकमावती हिंदू धर्म अपनाएंगी।

ईशनिन्दा का लग चुका है आरोप…

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मालूम हो कि साल 2018 में सुकमावती सुकर्णोपुत्री ने एक कविता साझा की थी, इसे देश के कट्टरपंथियों ने इस्लाम का अपमान बताते हुए ईशनिन्दा की शिकायत दर्ज कराई थी और माफी की मांग की थी। सुकमावती ने इसके बाद माफी भी मांग ली थी। इंडोनेशिया दुनियाभर में सबसे अधिक इस्लामिक जनसंख्या वाला देश है और यहां इस्लाम धर्म के अनुयायियों की ही बहुलता है।

दादी से प्रेरित हाेकर लिया फैसला…

वहीं आख़िर में बता दें कि सुकमावती ने हिंदू धर्म को अपनाने का फैसला अपनी दादी स्वर्गीय इडा आयु न्योमन राय श्रीम्बेन (1881-1958) से प्रभावित होकर लिया। सुकमावती के वकील ने बताया कि इसका कारण उनकी दादी का धर्म है। सुकमावती ने हिंदू धर्मशास्त्र को अच्छी तरह से पढ़ा है। बाली की पिछली यात्राओं के दौरान सुकमावती अक्सर हिंदू धार्मिक समारोहों में शामिल होती थीं और हिंदू धार्मिक हस्तियों के साथ बातचीत करती थीं। जिससे प्रभावित होकर उन्होंने धर्म परिवर्तन करने की सोची।

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