बॉलीवुड

बॉलीवुड के बड़े-बड़े सुपरस्टार को अकेले ही धूल चटा देता था यह कॉमेडियन, पढ़ाई छोड़कर बना था एक्टर

हिंदी सिनेमा में समय-समय पर एक से बढ़कर एक हास्य अभिनता हुए हैं. गुजरे दौर की बात करें तो 60 और 70 के दशक में राजेंद्र नाथ हास्य अभिनेता के रुप में ख़ूब पसंद किए गए. 8 जून 1931 को पाकिस्तान के पेशावर में जन्मे राजेंद्र नाथ को लेकर कहा जाता है कि वे अपने बड़े भाई प्रेम नाथ के चलते अभिनेता बने थे.

प्रेम नाथ भी अपने समय के मशहूर अभिनेता थे. बड़े भाई की देखा देखी के चलते राजेंद्र नाथ ने भी हिंदी सिनेमा में काम करना शुरू कर दिया था. उन्हें अभिनय का ऐसा चस्का लगा था कि उन्होंने अपनी पढ़ाई भी बीच में ही छोड़ दी थी. राजेंद्र नाथ को लेकर यह भी कहा जाता है कि उनका काम इतना बेहतरीन होता था कि वे कई बार फिल्म में मुख़्य कलाकार पड़ भारी पड़ जाते थे. कई फिल्मों में वे सुपरस्टार से भी आगे निल गए. तो चलिए राजेंद्र नाथ की उन फिल्मों और उन किरदारों के बारे में आपको बताते हैं…

फिल्म : दिल देके देखो (1959)
किरदार : कैलाश

नासिर हुसैन की साल 1959 में आई फिल्म ‘दिल देके देखो’ में राजेंद्र नाथ एक छुट-पुट मजाक करने वाले कॉमेडियन के रोल में नज़र आए और उनकी कॉमिक टाइमिंग को दर्शकों ने ख़ूब सराहा. राजेंद्र को इसके बाद नासिर का साथ मिला और दोनों ने और भी कई फिल्मों में साथ काम किया.

फिल्म : जब प्यार किसी से होता है (1961)
किरदार : पोपट लाल / चार्ली

साल 1961 में आई फिल्म ‘जब प्यार किसी से होता है’ में राजेंद्र नाथ पोपट लाल का किरदार निभाया था. उन्हें इस किरदार में इतना पसंद किया गया कि आगे जाकर उनके नाम में यह नाम जुड़ गया था. फिल्म में अहम रोल दिग्गज़ अभिनेता देव आनंद ने अदा किया था और राजेंद्र नाथ अपने बेहतरीन काम से देव साहब पर भी भारी पड़ गए थे.

फिल्म : फिर वही दिल लाया हूं (1963)
किरदार : डिफू

rajendra nath

साल 1963 में आई फिल्म ‘फिर वही दिल लाया हूं’ में एक बार फिर से राजेंद्र ने निर्देशक नासिर हुसैन के साथ काम किया था. इस फिल्म में वे बिहारीलाल नामक किरदार में देखने को मिले थे. प्यार से उन्हें फिल्म में ‘डिफू’ बुलाया जाता है. डिफू के रुप में एक बार फिर राजेंद्र नाथ ने अपने कॉमेडी का लोहा मनवाया था.

फिल्म : हमराही (1963)
किरदार : हनुमान शर्मा

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साल 1963 में ही एक बार फिर से राजेंद्र ने दर्शकों का दिल जीता. फिल्म हमराही में उन्होंने हनुमान शर्मा नामक किरदार निभाया. ख़ास बात यह है कि इस बार वे एक खूंखार विलेन के किरदार में नज़र आए लेकिन दर्शकों के मनोरंजन में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी.

फिल्म : मेरे सनम (1965)
किरदार : प्यारेलाल

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साल 1965 में आई फिल्म ‘मेरे सनम’ में राजेंद्र नाथ के किरदार का नाम ‘प्यारेलाल’ था. फिल्म में हमेशा की तह उनकी कमाल की कॉमेडी को तो दर्शकों इ पसंद किया ही वहीं वे एक जिम्मेदार और अच्छे दोस्त के रोल में भी ख़ूब पसंद किए गए. फिल्म में दिग्गज़ अभिनेत्री आशा पारेख उनकी दोस्त के किरदार में थी.

फिल्म : एन इवनिंग इन पेरिस (1967)
किरदार : माखन सिंह

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साल 1967 में आई फिल्म एन इवनिंग इन पेरिस में राजेंद्र ने माखन सिंह का रोल निभाया था. शक्ति सामंत द्वारा निर्देशित और उनके ही द्वारा निर्मित की गई इस फिल्म में अभिनेत्री शर्मिला टैगोर ने अहम रल निभाया था.

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