अध्यात्म

नवरात्रि में माता रानी के सामने ज्वार क्यों बोई जाती है? जाने इसके पौराणिक और वैज्ञानिक लाभ

पूरे देश में इस समय नवरात्रि का पावन पर्व मनाया जा रहा है। इस दौरान भक्त माता रानी को प्रसन्न करने में लगे हैं। हर कोई अपनी अपनी तरफ से मां की सेवा कर रहा है। इस दौरान मां की पूजा अर्चना से जुड़े कई नियमों का अनुसरण भी किया जाता है। नवरात्रि से कई तरह की पंरपराएं जुड़ी हैं। इनमें से एक है नवरात्रि में जवारे बोना।

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जवारों के बिना मां दुर्गा की पूजा अधूरी मानी जाती है। यही वजह है कि घर और पूजा पंडाल में मां को प्रसन्न करने के लिए जवारे अवश्य रहती हैं। इस परंपरा के अंतर्गत कलश के सामने मिट्टी के एक पात्र में जौ बोई जाती है। ऐसा करने से माता रानी तो प्रसन्न होती ही हैं, लेकिन साथ ही इस परंपरा को निभाने के कई वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक लाभ भी हैं।

इसलिए नवरात्रि पर बोते हैं जौ

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नवरात्रि पर जौ बोने की परंपरा के पीछे भी एक प्रापर लॉजिक है। कहा जाता है कि जब सृष्टि का निर्माण हुआ था तो जौ सबसे पहली फसल थी। जौ बोने की इस प्रथा से हमे अन्न और अनाज का सम्मान करने की अच्छी सीख भी मिलती है। जौ की फसल को देवी मां के सामने अर्पित किया जाता है। इसके लिए पूजा-घर में जमीन पर मिट्टी और गोबर को मिलाकर जौ बोए जाते हैं। इस दौरान मन में माता रानी का ध्यान किया जाता है। ऐसा करने से मां प्रसन्न होती है और मन चाहा फल प्रदान करती हैं।

जवारों से जुड़े धार्मिक लाभ

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जौ बोने के पीछे एक पौराणिक कारण और धार्मिक मान्यता भी है। कहते हैं कि अन्न ब्रह्मा है। इसलिए हमे इसका सम्मान करना चाहिए। जब भी घर या मंदिर में हवन होता है तो जौ को इसमें देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है। इससे हमे देवी देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और हमारे सभी कार्य अच्छे से पूर्ण होते हैं। जौ को लेकर ये भी माना जाता है कि जब ये तेजी से बढ़ती है तो घर में सुख समृद्धि आती है। वहीं यदि ये ठीक से न बढ़े या मुरझा जाए तो इसे अशुभ माना जाता है।

जवारों से जुड़े वैज्ञानिक लाभ

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आयुर्वेद में जवार को एक महत्वपूर्ण औषधि माना जाता है। यदि इसके रस का सेवन किया जाए तो कई तरह के रोगों से मुक्ति मिल सकती है। जवार का रस एक तरह से आपके शरीर के लिए शक्तिशाली टॉनिक होता है। इसके अंदर शरीर को हेल्थी रखने वाले चार पांच तत्वों में से चार तत्व कार्बोहाईड्रेट, विटामिन, क्षार एवं प्रोटीन मौजूद रहते हैं। इसलिए जवार का रस पीने से पीलिया, दमा, पेट दुखना, पाचन क्रिया की दुर्बलता, अपच, गैस, विटामिन ए की कमी से उत्पन्न रोग इत्यादि बीमारियों में लाभ मिलता है।

वहीं ज्वार खाने से विटामिन बी की कमी से होने वाले रोग जोड़ों में सूजन, गठिया, पथरी, हृदयरोग, डायबिटीज, पायरिया इत्यादि में भी लाभ मिलता है। इसके अलावा  स्किन एलर्जी सम्बन्धी रोग, आंखें के रोग, बालों का झाड़ना, जली त्वचा के निशान मिटाने के लिए भी जवार का रस लाभकारी माना जाता है। बस यही वजह है कि नवरात्रि में ज्वार का महत्व और भी बढ़ जाता है।

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