राजनीति

प्रधान चुनाव हार गई महिला फिर भी कम नहीं हुआ लोगों का प्यार, पहनाई 71 लाख रुपये की माला

जब भी कोई चुनाव लड़ता है और हार जाता है तो बहुत निराश हो जाता है। उसके हारने के बाद लोग भी उसका साथ देना बंद कर देते हैं। उल्टा कई लोग तो ये बाते बनाने लगते हैं कि उसने चुनाव में लाखों रुपए खर्च कर दिए फिर भी उसे हार का मुंह देखना पड़ा। हालांकि राजस्थान के मारवाड़ में इसका बिल्कुल उलट नजारा देखने को मिला। यहां के लोगों ने चुनाव में हारी प्रत्याशी के लिए जो किया वह अपने आप में एक मिसाल बन गया। लोगों को इस प्रत्याशी से इतना प्रेम था कि उसके हारने के बावजूद उन्होंने उम्मीदवार के पति को 71 लाख रुपए भेंट किए। उन्हें यह राशि आर्थिक रूप से सांत्वना देने के लिए लोगों ने मिलकर दी है। चलिए इस पूरे मामले को विस्तार से जानते हैं।

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यह अनोखा नजारा बुधवार को जोधपुर जिले के बारनी खुर्द गांव में देखने को मिला। यहां ब्रह्माकुमारी पारासरिया नाम की एक महिला प्रत्याशी प्रधान का चुनाव हार गई। ऐसे में गांव के लोगों ने उनके लिए एक धन्यवाद सभा आयोजित की। इस सभा में गांववालों ने अपनी पसंदीदा प्रत्याशी को सांत्वना दिया। इस दौरान गांव वालों ने थोड़ी-थोड़ी राशि जुटाकर उन्हें आर्थिक मदद देने का सोचा। जल्द ही ग्रामीणों ने चुनाव हारी महिला प्रत्याशी के लिए 71 लाख रुपए जुटा लिए। उन्होंने ये रुपए एक थाली में रखे और एक माला के साथ प्रत्याशी ब्रह्माकुमारी पारासरिया के पति रामप्रसाद को भेंट किए।

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ब्रह्माकुमारी की धन्यवाद सभा में लोग भारी संख्या में आए। जैसे जैसे लोगों को इसकी जानकारी मिली वैसे वैसे उनके पति को नोटों की माला पहनने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती चली गई। हर ग्रामीण इस सहयोग में अपनी तरफ से मदद करना चाहता था। इस धन्यवाद सभा में रालोपा के संयोजक हनुमान बेनीवाल भी उपस्थित थे। लोगों का ब्रह्माकुमारी के प्रति इतना स्नेह था कि वे सुबह से लेकर शाम तक आते रहे और नोटों की माला भेंट करते रहे।

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ब्रह्माकुमारी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) की प्रत्याशी के रूप प्रधान पद के लिए चुनाव में खड़ी हुई थी। इस चुनाव प्रसार में उनके लाखों रुपए खर्च हो गए थे। हालांकि इसके बावजूद वे चुनाव हार गई। उन्होंने ये चुनाव एक कांग्रेस प्रत्याशी से हारा। उनकी जनता के बीच पकड़ अच्छी है, वहीं लोग भी उन्हें बहुत पसंद करते हैं। प्रत्याशी ब्रह्माकुमारी के पति राम पारासरिया भी कई दफा सरपंच रह चुके हैं। हालांकि पत्नी को इस बार हार का मुंह देखना पड़ गया।

ये देखना काफी दिलचस्प रहा कि कैसे लोगों ने चुनाव हारने के बाद भी प्रत्याशी के लिए न सिर्फ धन्यवाद सभा रखी बल्कि उन्हें सांत्वना के रूप में आर्थिक मदद भी दी। ग्रामीणों को उम्मीद है कि अगली बार उनकी फेवरेट प्रत्याशी ब्रह्माकुमारी चुनाव जरूर जीतेंगी।

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