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कंधार : जब हाईजैकर से लोगों को बचाने के लिए केमिकल बम लेकर प्लेन में घुस गए थे वाजपेयी!

नई दिल्ली – कंधार प्लेन हाईजैक कांड में आतंकियों के सामने झुकने के कारण वाजपेयी सरकार की आज भी आलोचना होती है या यूं कहें कि कंधार प्लेन हाईजैक कांड वाजपेयी सरकार पर आज भी एक दाग की तरह है। लेकिन, प्लेन हाईजैकिंग का एक और वाकया भी है, जो वाजपेयी की हिम्मत और साहस को बयां करता है। दरअसल, लालजी टंडन ने पिछले साल एक न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया कि वाजपेयी खुद प्लेन में घुसे थे और उन्होने 48 लोगों की जान बचाई थी। Vajpayeee entered in hijacked plane.

 क्या था ये प्लेन हाईजैक कांड :

यह बात 22 जनवरी 1992 की है, जब एक आदमी ने लखनऊ से दिल्ली के लिए उड़ान भर रहे इंडियन एयरलाइन्स के प्लेन को हाईजैक कर लिया। इस शख्स ने हवाई जहाज के लखनऊ से उड़ते ही यह कहा कि उसके हाथ में केमिकल बम है। अब इस प्लेन को वापस लखनऊ ले चलो, नहीं तो मैं बम से प्लेन को उड़ा दूंगा। इसके बाद पायलट ने लखनऊ एयर ट्रैफिक कंट्रोल को खबर दी की ‘प्लेन हाईजैक हो गया है’। इस वाकये के 45 मिनट बाद यह प्लेन वापस लखनऊ हवाई अड्डे पर उतार दिया गया और हाईजैकर से बात करने की कोशिश की गई।

अभी तक किसी को मालूम नहीं था कि हाईजैकर ने प्लेन क्यों हाईजैक किया है। इस वक्त उत्तरप्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ था। अटल बिहारी वाजपेयी उस वक्त लखनऊ में ही थे। उस वक्त के लखनऊ के डीएम अशोक प्रियदर्शी वो अटल बिहारी के पास पहुंचे और बताया कि हाईजैकर उन्हीं से बात करने के लिए कह रहा है। उसने कहा है कि अगर अटल बिहारी वाजपेयी नहीं आते तो वो हवाई जहाज को उड़ा देगा।

केमिकल बम लिए प्लेन में घुस गए थे वाजपेयी :

इसके बाद अटल जी और लालजी टंडन और डीएम साहब लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे। अटल बिहारी वाजपेयी ने हाईजैकर से बात की, लेकिन वो मानने को तैयार ही नहीं था कि वो अटल जी से बात कर रहा है। इसके बाद अटल जी ने कहा हमें अंदर ही जाने दो। अटल जी की इस बात को प्रशासन ने नहीं माना, लेकिन कोई उपाय न देख उनको प्लेन तक जाने की बात तय हुई। इसके बाद डीएम लालजी टंडन और अटल बिहारी वाजपेयी एक जीप में बैठकर प्लेन के पास पहुंचे। प्लेन के बाहर से उससे फिर बात करने की कोशिश की गई पर वो फिर मानने को तैयार ही नहीं था, कि वो अलट जी से ही बात कर रह है।

इसके बाद अटल जी ने फैसला किया कि प्लेन के अंदर जाना पड़ेगा। प्लेन में सबसे पहले डीएम अशोक प्रियदर्शी फिर लालजी टंडन घुसे और उसे समझाकर बाहर आने की कोशिश की लेकिन वो नहीं माना। इसके बाद खुद वाजपेयी प्लेन के भीतर घुस गए। इसके बाद अपहरणकर्ता और अटल बिहारी वाजपेयी आमने-सामने थे। वाजपेयी को सामने खड़े देख हाईजैकर उनके पैर छूने के लिए नीचे झुका जिसके बाद उसे गार्ड्स ने पकड़ लिया।

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