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गुजरात में स्मृति इरानी के साथ हुआ हादसा, चूड़ियां फेककर एक युवक ने लगाए कर्ज माफी के नारे!

गुजरात: देश में इस समय काफी गरम माहौल चल रहा है। इस समय देश के लगभग सभी हिस्सों में किसान आन्दोलन की आग भड़क उठी है। पहले यह आग महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में ही थी, लेकिन अब देश के अन्य राज्यों में भी उनके समर्थन में लोग उतरते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। इस समय सभी लोग किसानों की परेशानियों को लेकर काफी चिंतित हैं।

नहीं भूल पाएंगी स्मृति ईरानी इस घटना को:

प्रधानमंत्री के गृहराज्य गुजरात में ज्यादातर व्यापारी समुदाय के लोग रहते हैं, लेकिन वहां भी किसानों के समर्थन में उतरने वालों की कमी नहीं है। अभी गुजरात के अमरेली में बीजेपी की केन्द्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी के साथ एक ऐसी घटना घटी है, जिसे वह जल्दी भुला नहीं पाएंगी। जी हां! दरअसल अमरेली में एक कार्यक्रम में शामिल होने गयी स्मृति इरानी पर एक युवक ने चूड़ियां फेंककर नारे लगाए।

स्मृति ईरानी पर चूड़ियां फेंकने वाले युवक की पहचान केतन कसवाणा के रूप में की गयी है। वह वहीं का रहने वाला है। स्मृति ईरानी अमरेली में मोदी सरकार के 3 साल की उपलब्धियों को गिनाने के लिए आयोजित किये गए देशव्यापी कार्यक्रम “सबका साथ-सबका विकास” के तहत किसान सम्बन्धी नीतियों पर चर्चा कर रही थीं। तभी उन पर युवक ने चूड़ियां फेंककर किसानों का कर्ज माफ करो के नारे लगाए।

पिछली सरकार के मंत्रियों को खूब भेजती थीं चूड़ियां:

पुलिस ने युवक को तुरंत गिरफ्तार कर लिया। गुजरात के कुछ लोगों ने जो पाटीदार आरक्षण आन्दोलन से जुड़े हुए थे, स्मृति ईरानी का इसी अंदाज में विरोध करने की घोषणा की थी। उन लोगों का कहना था कि जब संप्रग की सरकार थी तो यह विपक्षी पार्टियों के मंत्रियों को उनकी विफलताओं के लिए चूड़ियां भेजती थीं। अब बीजेपी के नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की विफलताओं के लिए इन्हें चूड़ियां भेजी जानीं चाहिए।

पाटीदार युवक ने फेंका था केन्द्रीय मंत्री पर जूता:

आपको बता दें इससे पहले गुजरात में एक और केन्द्रीय मंत्री का जमकर विरोध किया गया था। कुछ दिनों पहले ही गुजरात के भावनगर में एक कार्यक्रम के दौरान एक पाटीदार युवक ने केन्द्रीय मंत्री मनसुख मांडविया पर जूता फेंका था। स्मृति ईरानी ने इससे पहले जूनागढ़ के केशोद में इसी कार्यक्रम के अंतर्गत लोगों को संबोधित किया था। स्मृति ईरानी का कहना था कि मोदी सरकार में महिलाओं का सम्मान बढ़ा है और ज्यादा युवाओं के सपने पूरे हुए हैं।

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