राजनीति

जब महेश भट्ट ने कहा था, ‘आंख में आंख डाल कर सको बात तो जाओ मोदी से मिलने’, जानिये क्या थी वजह

उद्योगपति और मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनीवर्सिटी के पूर्व चांसलर जफर सरेशवाला किसी पहचान के मोहताज़ नहीं हैं। जी हां उन्होंने एक वक्त मुस्लिम समाज और सरकार के बीच पुल का काम किया था। बता दें कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब सरेशवाला उनके करीबी माने जाते थे। जी हां वहीं नरेंद्र मोदी से सरेशवाला की पहली मुलाकात का किस्सा भी बड़ा दिलचस्प है। गौरतलब हो कि जब वो तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गए थे तब एक तरफ महेश भट्ट ने उन्हें चुनौती दे दी थी वहीं, दूसरी तरफ उनकी मां नमाज पर बैठीं थीं और बहन रोजे पर थीं। तो आइए आज हम आपको बताते हैं इससे ही जुड़ी हुई कहानी…

बता दें कि इस दिलचस्प वाकये का जिक्र सरेशवाला ने एक इंटरव्यू के दौरान किया था। मालूम हो कि उस दौरान उन्होंने बताया कि जब वो 17 अगस्त 2003 को नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे तब उन्हे महेश भट्ट का फोन आया था। दरअसल साल 2002 के गुजरात दंगे को लेकर नरेंद्र मोदी की सरकार आलोचनाओं के घेरे में थी और ऐसे में महेश भट्ट जानना चाहते थे कि सरकार दंगा के दोषियों को सजा देगी या नहीं?

बता दें कि साक्षात्कार के दौरान सरेशवाला ने बताया कि, “क़रीब पांच बजे का वक्त था, मुझे महेश भट्ट साहब का फोन आया और अपने अंदाज में उन्होंने मुझे कहा कि जफर जा रहे हो मोदी से मिलने? मैंने कहा हां। फ़िर उन्होंने कहा कि अगर तुम उनकी आंखों में आंखें डालकर ये नहीं बोल सकते कि न्याय के बिना कहीं शांति नहीं रहेगी, तो मत मिलो।”

Narendra Modi And Zafar Sareshwala

गौरतलब हो कि महेश भट्ट की ये बातें सुन जफर सरेशवाला ने कहा था कि, “भट्ट साहब! वो मुख्यमंत्री है, मैं तो जिंदगी में किसी चीफ मिनिस्टर को मिला ही नहीं हूं। पता नहीं कि ये दो मिनट देता है कि तीन मिनट…कोशिश जरूर करूंगा।”

Narendra Modi And Zafar Sareshwala

वहीं जब लोगों को यह बात पता चली कि सरेशवाला नरेंद्र मोदी से मिलने वाले हैं, तब काफी लोगों ने इसका काफ़ी विरोध किया। जी हाँ नरेंद्र मोदी की छवि को लेकर जफर सरेशवाला की मां बेहद घबराई हुई थीं कि उनका बेटा ऐसे मुख्यमंत्री से मिलने जा रहा है। उस दौरान सरेशवाला ने बताया था कि, “जब मैं पहुंचा तो मोदी साहब मेरे लिए खड़े थे। उन्होंने मेरे गले में हाथ डाला और कहा यार चल। मैं तो डर रहा था… क्या क्या उनके ऊपर आरोप लगे थे… हिटलर और पता नहीं क्या क्या। मेरे घर में मेरी मां तो नमाज में बैठी थीं। मेरी बहन ने रोजा रखा था कि मोदी को मिल रहा है, पता नहीं क्या होगा।”

Narendra Modi And Zafar Sareshwala

इसके अलावा सरेशवाला ने बताया कि नरेंद्र मोदी ने उनके सभी सवालों का बखूबी जवाब दिया था। उन्होंने मोदी से यह भी पूछा कि क्या हमारी कौम दोयम दर्जे की है? जिस पर मोदी ने उन्हें 20 मिनटों तक समझाया कि उनकी कौम और वो, सब उनके हैं। वो सबके मुख्यमंत्री हैं, चाहे कोई उन्हें वोट दे या न दे। इतना ही नहीं आखिर में जफ़र सरेशवाला ने महेश भट्ट का सवाल नरेंद्र मोदी से पूछ ही लिया था।

इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि, “मैंने उनसे कहा सर, क्या न्याय के बिना शांति हो सकती है? इसपर मोदी साहब ने कहा कि बिलकुल नहीं हो सकता। मोदी वादा करता है कि इंसाफ भी होगा और ये कभी दोहराया नहीं जाएगा। इसमें मोदी साहब सही भी रहे इसलिए कि पहली बार फसाद में, 2002 के बाद 425 हिंदू जेल में गए और कम से कम 90 हिंदुओं को सजा हुई।” ऐसे में यह दिलचस्प कहानी आपको कैसी लगी, हमें कमेंट कर बताना न भूलें।

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