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पैरालिंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाले कलेक्टर सुहास की पत्नि रह चुकी है मिसेज इंडिया: देखें

सुहास फिलहाल नोएडा के कलेक्टर हैं उनकी पत्नि भी यूपी की बड़ी अधिकारी हैं

पैरालिंपिक खेलों में भारत के खिलाड़ियों ने देश का नाम पूरी दुनिया में रोशन कर दिया है। भारत टौक्यों पैरालिंपिक 5 गोल्ड, 8 सिल्वर, 7 ब्रॉन्ज समेत 19 मेडल जीत चुका है। इन्हीं में से एक मेडल नोएडा के कलेक्टर सुहास एलवाई ने जीता हैै वो 2001 बैच के IAS अधिकारी हैं और फिलहाल उत्तरप्रदेश के नोएडा में कलेक्टर के पद पर पदस्थ हैं।

suhas alwai

उनकी पत्नि ऋतु सुहास भी राज्य सेवा में अधिकारी है और नोएडा के पास गाज़ियाबाद में ही ADM प्रशासन का पद संभाल रही है।

ऋतु जीत चुकीं है मिसेज इंडिया का खिताब

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एक तरफ जहां वो बड़े प्रशासनिक पद को संभाल रही हैं तो दूसरी तरफ फैशन की दुनिया में भी एक्टिव हैं। साल 2019 में ही उन्होने मिसेज इंडिया का खिताब अपने नाम किया था। ऋतु बिल्कुल सामान्य परिवार से आती हैं। अपने बारे में बताते हुए उन्होने कहा था कि बड़ी मुश्किलों से उन्होने ये मुकाम हासिल किया है। एक समय पर उनके पास किताबें खरीदने और कोचिंग जाने के लिए भी पैसे नहीं होते थे और अपनी दोस्त के नोट्स से पढ़कर उन्होनेे परीक्षा पास की थी।

सुहास की कामयाबी पर बोली पत्नि ऋतु

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उन्होने पति की जीत की खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उनके पति ने अच्छा खेल दिखाया और देश का नाम रोशन किया। ये हम सभी के लिए हर्ष का विषय है, पूरे देश को उन पर गर्व है। वो पिछले 6 साल से कड़ी मेहनत कर रहे थे उसी का परिणाम है कि उन्होने पैरालिंपिक में अच्छा खेल दिखाया। ऋतु ने बताया पैरालिंपिक में भारत के लिए खेलना सुहास का सपना था। मैंने उन्हें परिणाम की चिंता किए बिना अपना बेस्ट देने के लिए कहा था।

सुहास की कहानी भी संघर्ष भरी रही है

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सुहास आज भले ही अच्छी जिंदगी जी रहे हो लेकिन उन्होने भी संघर्षभरा सफर तय किया है। कर्नाटक के शिगोमा में जन्मे सुहास का पैर शुरु से ही खराब था जिस कारण वो ठीक से चल नहीं सकते थे। इस बात का कईं लोग मज़ाक भी बनाते थे लेकिन उन्होने इसपर कभी ध्यान नहीं दिया। सुहास ने कर्नाटक से ही कम्प्युटर साइंस में इंजीनियरिंग की और बेंगलुर की एक कंपनी में काम करना शुरु कर दिया।

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लेकिन देश और समाज के लिए कुछ करने का जज्बा उन्हें सिविल सर्विसेज़ की तरफ खींच लाया 2005 में उन्होने नौकरी छोड़ UPSC की तैयारी शुर कर दी। लेकिन इसी बीच उनके पिताजी का निधन हो गया जिसने उन्हें अंदर से हिला दिया। हांलाकि सुहास ने हार नहीं मानी और 2007 में ही UPSC परीक्षा पास कर ली।

नोएडा से पहले वो जौनपुर, सोनभद्र, आजमगढ़, हाथरस , महाराजगंज प्रयागराज के कलेक्टर भी रह चुके हैं। क्यों कि उनकी रूचि खेल में शुरु से ही थी इसलिए उन्होने खेलना नहीं छोड़ा और लगाता बैडमिंटन खेलते रहे। नतीजा ये हुआ कि 2016 में उन्होंने इंटरनेशनल मैच खेलना शुरू किया। जिसमें वो 6 बार गोल्ड और एक बार रजत जीत चुके हैं। सुहास टोक्यो पैरालंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व भी कर रहे हैं.

पीए मोदी ने दी बधाई

पीएम ने ट्वीट करते हुए लिखा- सेवा और खेल का अद्भुद संगम ! गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने अपने असाधारण प्रदर्शन की बदौलत पूरे देश की कल्पना को साकार किया है। उन्हें सिल्वर मेडल जीतने पर बधाई। उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।

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