राजनीति

शिवराज सिंह का नया फैसला, किसानों को मनाने के लिए रखा उपवास, कांग्रेस बता रही नौटंकी!

भोपाल: इस समय देश के किसानों की हालत ठीक नहीं है। हालांकि किसानों की हालत कांग्रेस के समय में भी ऐसी ही थी। देश के किसानों की बस यही माँग है कि उनके फसलों की उचित कीमत दी जाए। सरकार वादा करके उसे पूरा नहीं करती है। अभी हाल ही में दक्षिण भारत से कुछ किसान दिल्ली प्रदर्शन के लिए आये थे। उन किसानों को माना कर भेजा गया कि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में फिर से किसान आन्दोलन भड़क उठा।

मध्य प्रदेश सरकार कर रही है हर संभव प्रयास:

इस बार किसान आन्दोलन ने हिंसक रूप उस समय ले लिए जब पुलिस द्वारा की जाने वाली फायरिंग में मध्य प्रदेश में 5 किसानों की मौत हो गयी। अभी हाल ही में पता चला है कि वो किसान भूमिहीन थे। हालांकि मध्य प्रदेश सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर काफी चिंतित है। वहाँ के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उनकी समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

मैं किसानों की लड़ाई में उनके साथ खड़ा हूँ:

शनिवार को दशहरा मैदान में शिवराज सिंह किसानों को मनाने के लिए अनिश्चित कालीन उपवास पर बैठ गए हैं। उन्होंने कहा कि मैं प्रदेश में शांति बहाली के लिए उपवास कर रहा हूँ। इससे यह पता चलता है कि मैं किसानों की लड़ाई में उनके साथ खड़ा हूँ। मेरा अनुरोध है कि किसान किसी के बहकावे में ना आयें। उन्होंने इससे पहले यह कहा था कि मैं पत्थर दिल नहीं हूँ। शांति बहाली के लिए उन्होंने फैसला लिया है कि अब वह मंत्रालय में नहीं बैठेंगे।

बातचीत से सुलझाया जा सकता है हर मामले को:

वह दशहरा मैदान में किसानों की समस्याओं को भी सुनेंगे। उन्होंने कहा कि वह भोपाल के दशहरा मैदान से ही प्रदेश की सरकार चलाएंगे। उन्होंने किसानों को आन्दोलन स्थगित करने के लिए कहा और कहा कि आप यहाँ आओ मुझसे बात करो मैं कहीं नहीं जाऊँगा। बातचीत करके सभी समस्याओं को सुलझाया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ शरारती तत्वों ने बच्चों के हाथ में पत्थर थमाने का काम भी किया है। कई जगह चक्काजाम में उन बच्चों को देखा गया है।

वहीँ दूसरी तरफ शिवराज सिंह के इस कदम की विपक्ष ने कड़ी निंदा की है। विधानसभा में कांग्रेस के नेता अजय सिंह ने कहा कि किसानों की समस्याओं का निपटारा करने की बजाय मुख्यमंत्री नौटंकी करते हुए दिख रहे हैं। वह मामले से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं। माकपा के सचिव बादल सरोज ने कहा कि किसानों की हत्या के बाद भी उन्हें गाली देने वाली सरकार के मुख्यमंत्री का उपवास एक राजनीतिक पाखंड है। बादल ने मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि यह तो ठीक वैसे ही है कि “गली में करे क़त्ल, बैठ चौराहे पर रोये”।

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