राजनीति

नोटबंदी के बाद BJP का एक और धमाकेदार ऐलान, लेकिन इसबार मालामाल हो जाएंगे आप!

उत्तराखंड राज्य में युवाओं को उद्योगों से जोड़ने हेतु बीजेपी सरकार की नई पॉलिसी में कॉलेज जाने वाले युवाओं पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। उत्तराखंड प्रदेश की बीजेपी सरकार ने एक नई ‘स्टार्ट अप पॉलिसी 2017’ तैयार की है, जिसमें खासतौर से कॉलेज में पढ़ने वाले युवाओं पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। इस पॉलिसी को कैबिनेट बैठक में पास किया जा चुका है। अब सिर्फ इसका शासनादेश जारी करना शेष रह गया है। यह पहली बार है जब उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए किसी पॉलिसी में युवाओं पर फोकस किया गया है। Startup policy 2017 for youth.

उत्‍तराखंड में नई स्टार्ट अप नीति को मंजूरी :

उत्तराखंड नए उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए मंत्रिमंडल ने राज्य की स्टार्ट अप पॉलिसी पर मंजूरी दे दी है। इस पॉलिसी में युवाओं और महिलाओं के साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को प्रोत्साहन स्वरूप आर्थिक मदद की जाएगी। सरकार की ओर से उद्यमियों को आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी।

इस पॉलिसी के तहत मार्गदर्शकों को साथ जोडकर राज्य स्तरीय उद्यमिता पैनल (स्लेप) की स्थापना की जाएगी। जिसके द्वारा स्कूल व कॉलेजों में प्रोत्साहन शिविरों का आयोजन किया जायेगा। केंद्र से मिलने वाले वित्तीय सहयोग से आईआईई काशीपुर इंडस्ट्रियल एस्टेट में टेक्नोलॉजी बिजनेस इंक्यूबेटर (टीबीआई) की स्थापना की जाएगी।

नई स्टार्ट अप पॉलिसी के क्या लाभ हैं :

सरकार की ओर से पहली बार स्टार्ट अप करने वाले उद्यमियों को प्रयोगशाला, सभागार, शोध एवं विकास प्रयोगशाला, छात्रावास, आवास की सुविधायें दी जाएंगी। राज्य में जगह-जगह आइडिया हब बनाये जाएंगे। इसके अलावा टिंकरिंग लैब का निर्माण भी किया जाएगा, जिसमें आइडिया के बाजार से जुड़े पहलुओं पर विशेषज्ञ अपनी राय देंगे। नए स्टार्टअप को प्रोत्साहन के लिए सरकार प्रति उद्यमी 10,000 रुपये प्रति माह खर्च देगी।

यह स्टार्टअप कार्यक्रम तीन चरणों में चलेगा, जिसमें टियर 1 – आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी व अन्य राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संस्थान। टियर 2 – निजी इंजीनियरिंग कॉलेज, बिजनेस स्कूल व क्षेत्रीय संस्थान। टियर 3 –  डिग्री कॉलेज व ग्रामीण इलाकों के संस्थान शामिल होंगे। ये पहली बार है जब प्रदेश सरकार स्टार्ट अप को विद्यालयी पाठ्यक्रम में शामिल करने जा रही है, जिससे स्कूली दिनों से ही बच्चों को उद्यमिता के बारे में पढ़ाया जा सके।

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