राजनीति

मोदी थकते नहीं, कौन सा टॉनिक लेते हैं? PM का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता पर भड़की रुबिका लियाकत

इन दिनों संसद में कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल नरेंद्र मोदी सरकार से महंगाई, पेगासस जासूसी प्रकरण, किसानों के मुद्दे पर सवाल उठा रहे हैं। इस मुद्दे पर हाल ही में एबीपी के डिबेट शो, ‘हुंकार’ में भी बहस चल रही थी। लेकिन इस दौरान कांग्रेस की नेता सुप्रिया श्रीनेत और एबीपी न्यूज की एंकर रुबिका लियाकत के बीच रिखी बहस छिड़ गई।

Supriya Shrinate

शो में सुप्रिया श्रीनेत इल्जाम लगाया कि रुबिका लियाकत सरकार से तीखे सवाल नहीं करती हैं। उन्होंने कहा कि ‘सरकार से तीखे सवाल पूछे जाते हैं। जैसे क्या लोकतंत्र है! लेकिन आप सरकार से टॉनिक पर सवाल पूछती हैं।’ यह बात सुन  रुबिका लियाकत भड़क जाती हैं और कहती हैं ‘हां, पूछा था और मुझे उस सवाल पर गर्व है सुप्रिया श्रीनेत। क्योंकि पूरा देश जानना चाहता था कि एक बुजुर्ग क्यों चार-चार घंटे सोने की बात करता है और बाकी टाइम वो काम कर रहा है। हर कोई जानना चाहता था और मुझे अपने सवाल पर गर्व है।’

Rubika Liyaquat

रुबिका लियाकत के इस जवाब पर सुप्रिया श्रीनेत ताली बजने लगी और कहा कि ‘क्या पत्रकारिता है.. आपकी पत्रकारिता को सलाम रुबिका जी। सब हंसते हैं आपकी पत्रकारिता पर। ये पत्रकारिता नहीं है, पत्तलकरिता है। हिम्मत है तो सरकार से सवाल पूछिए।’ इस पर रुबिका लियाकत फिर से भड़क जाती हैं और कहती हैं ‘थैंक यू सो मच सुप्रिया जी, मैं अपनी कॉफी पर बुलाऊंगी, मेरी पत्रकारिता पर पीएचडी कर लेना।’

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2019 से पूर्व रुबिका लियाकत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक इंटरव्यू लिया था। इसका एक भाग बहुत वायरल हुआ था। इसमें रुबिका ने पीएम मोदी से ऐसा सवाल पूछा था जिसकी बहुत आलोचना हुई थी। इस इंटरव्यू में रुबिका ने पूछा था ‘मैं भी इंसान हूं, आप भी इंसान हैं, मेरी भी दी आंखे हैं, आपकी भी दो आंखें हैं। मेरे साथ कई बार ऐसा होता है जब मैं थक जाती हूं और कह देती हूं कि मैं थक गई हूं। आपने साथ ऐसा क्यों नहीं होता? आप क्यों नहीं थकते हैं? क्या आप कोई टॉनिक लेते हैं? इसके पीछे का क्या राज है?

Rubika-Liyaquat

रुबिक के इस सवाल का जवाब देते हुए पीमोदी ने कहा था ‘इस देश में 450 जिले ऐसे हैं जहां मैंने रात्रि में काम किया था। मेरे जीवन का 45 साल का जीवन परिराजकता का रहा है। मेरे जीवन का एक बड़ा काल मैंने ट्रेन की पटरी पर रेल के डिब्बों में सफर करते हुए गुजारा है। तब भी मैं ऐसा ही कठोर परिश्रम करता था। परिश्रम मेरी जिम्मेदारियों के प्रति मेरा कमीटमेंट है। मैं किसी चिंता से काम नहीं करता हूं।’

मोदी जी ने आगे कहा था ‘मैं एक ऐसा अकेला इंसान था जो हिमाचल के सभी शक्ति केंद्रों पर जाकर मीटिंग करता था। इसमें एक बार पहाड़ी चढ़ने और उतरने में पूरा एक दिन लग जाता था। मुझे जो भी दायित्व मिलता है उसे मैं जी जान से और उत्साह से करता हूं। ये शायद मेरे बचपन के संस्कार का परिणाम है या पारिवारिक स्थिति से निकली चीज है।’

थकने के सवाल पर मोदी जी ने कहा था ‘शरीर मेरा भी थकता है। मैं कभी ये दावा नहीं करता कि मुझे थकान नहीं लगती है। लेकिन मेरा कमीटमेंट मुझ से काम करवाता है। जब मैं सोचता हूं पुलिस वाला राखी के त्योहार पर, बारिश में काम कर रहा है। सेना का जवान हिमाचल के ठंडे माहौल में, रेगिस्तान की गर्मी में काम कर रहा है। एक मजदूर भरी गर्मी में नंगे पैर चल रहा है। जब मैं ऐसे लोगों का स्मरण करता हूं तो लगता है कि मुझे रुकने का हक नहीं है। मुझे थकान मंजूर नहीं है।

Back to top button