अध्यात्म

इस वजह से शनिदेव की नजर से नहीं बच पाता है कोई, ब्रह्मपुराण में है कथा का वर्णन

शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है और इस दिन शनिदेव की पूजा करने से इस ग्रह के प्रकोप से रक्षा होती है। मान्यताओं के अनुसार एक बार जिस जातक के ऊपर शनिदेव की बुरी नजर पड़ जाए। उस जातक का जीवन बर्बाद हो जाता है और हर क्षेत्र में उसे हानि होने लग जाती है। दरअसल शनिदेव को उनकी पत्नी ने एक श्राप दिया था। जिसके कारण शनिदेव की नजर जिस व्यक्ति पर पड़ती है, उसके बुरे दिन शुरू हो जाते हैं।

शनिदेव को पत्नी ने इस वजह से दिया था श्राप

ब्रह्मपुराण में कथा का वर्णन मिलता है। कथा के अनुसार शनि देव भगवान श्री कृष्ण के परम भक्त हुआ करते थे। एक बार ये कृष्ण भगवान की पूजा कर रहे थे और ध्यान में लीन थे। तभी इनकी पत्नी चित्ररथ, ऋतुकाल का स्नान करने के बाद पुत्र प्राप्ति के लिए शनिदेव के पास आई। लेकिन ध्यान में लीन होने के कारण शनिदेव ने उनकी ओर देखा तक नहीं। इस बात से चित्ररथ को काफी गुस्सा आ गया और इसे अपना अपमान समझकर उन्होंने शनिदेव को श्राप दे दिया।

शनि देव को श्राप देते हुए उन्होंने कहा कि वो जिसे भी नज़र उठाकर देखेंगे वो नष्ट हो जाएगा। ये कहकर वो वहां से चले गई। वहीं शनिदेव का जब ध्यान टूटा तो उन्होंने अपनी पत्नी को मनाया। जिससे चित्ररथ को अपनी गलती का एहसास हुआ। शनि देव ने अपनी पत्नी से क्षमा मांगी। लेकिन शनिदेव की पत्नी के पास ये श्राप निष्फल करने की शक्ति नहीं थी। तब से शनिदेव अपना सिर नीचा करके चलते हैं। ताकि उनकी नजर किसी पर न पड़े।

जो लोग नीचे बताई गई विधि से पूजा करते हैं। उन लोगों पर शनिदेव की कृपा बन जाती है और इनकी बुरी नजर से रक्षा होती है।

इस विधि से करें शनिदेव की पूजा

Shani dev

1.सबसे नहा धोकर साफ कपड़े पहनकर पीपल के वृक्ष की पूजा करें और पेड़ पर जल अर्पण करें।

2.शनि मंदिर जाकर शनिदेव की पूजा करें और इन्होंने सरसों का तेल अर्पित करें। दरअसल सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनिदेव प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। इसलिए शनिवार के दिन शनिदेव के सामने सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाएं।

3.शनिदेव की पूजा करते हुए उन्हें तेल के साथ तिल, काली उदड़ या कोई काली वस्तु भी जरूर चढ़ाएं। वहीं पूजा करने के बाद ये सभी चीजें किसी गरीब व्यक्ति को भी दान में दे।

4.अगर आप मंदिर जाकर पूजा नहीं कर सकते हैं। तो घर में शनिदेव के मंत्रों और शनि चालीसा का जाप कर सकते हैं। ऐसा करने से भी शनि देव की कृपा बन जाती है और ये जीवन में किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं देते हैं।

5.शनिवार को शनिदेव के साथ हनुमान जी की पूजा भी करें। एक साथ इन दोनों की पूजा करना फलदायक होता है। मान्यता है कि जो लोग शनिवार को हनुमान जी की पूजा करते हैं। वे इनको सरसों का तेल अर्पित करते हैं। उन लोगों पर शनि देव की बुरी नजर कभी भी पड़ती है।

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