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5 साल तक नहीं देखी थी माता-पिता ने मीराबाई की शक्ल, माँ बाप को देख खूब रोई मीराबाई चानू

ओलंपिक में भारोत्तोलन प्रतियोगिता में रजत पदक जीतने वाली मीराबाई चानू का स्वागत जोरों शोरों से किया गया और इन्हें मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह द्वारा सम्मानित किया गया। इनके स्वागत के लिए हवाई अड्डे के बाहर काफी संख्या में लोग मौजूद थे और हर कोई इनकी एक झलक पाना चाहता था। सुरक्षाकर्मियों की मदद से किसी तरह से इन्हें हवाई अड्डे से निकाला गया। उसके बाद इनका काफिला निकला जो कि इनके गांव नोगपोक काकचिंग तक गया।

 

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इनका गांव नोगपोक काकचिंग इंफाल से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर है। इनके गांव के लोगों बेसब्री से इनका इंतजार कर रहे थे। वहीं जैसे ही इन्होंने अपनी मां सेखोम ओंगबी तोम्गी लीमा और पिता सेखोम कृति मेइतेई को देखा। तो ये अपने आंसू नहीं रोक पाई और इन्हें गले लगाकर रोने लगी। मीराबाई चानू पांच साल बाद अपनी मां से मिली थी।

दरअसल ओलंपिक में पदक जीतने के लिए मीराबाई चानू को अपने गांव से दूर जाना पड़ा था। ताकि इन्हें अच्छी सुविधा मिल सके और ये अच्छे से प्रैक्टिस कर सके। इस दौरान वह बहन की शादी में भी हिस्सा नहीं ले पाईं। वहीं ओलंपिक में पदक जीतने के बाद जब ये अपने घर आई तो मां ने अपनी बेटी को गले से लगा लिया।

भारोत्तोलन में 49 किलो भार वर्ग में रजत पदक जीतने वाली मीराबाई की मां सेखोम ओंगबी तोम्गी लीमा और पिता सेखोम कृति मेइतेई अपनी बेटी की इस उपलब्धि से बेहद ही खुश हैं। आखिरकार उनकी बेटी का सपना कई सालों बाद पूरा हुआ है।

पहनी थी ओलिंपिक प्रतीक चिह्न वाली बालियां

mirabai chanu

चानू अक्सर खेलों के दौरान ओलिंपिक प्रतीक चिह्न जैसी सोने की बालियां पहना करती थी। जो कि काफी लोकप्रिय हुई। ये बालियां उनकी मां ने पांच साल पहले रियो खेलों के दौरान इन्हें दी थी। इन बालियों की इनकी मां ने अपने आभूषण बेचकर बनवाया था। उनका मानना था कि ये मीराबाई के लिए भाग्यशाली साबित होंगी। हालांकि तब वो ये मेडल जीतने में नाकाम रही थी। लेकिन पांच साल बाद इन्हीं बालियों को पहनकर चानू ने ओलंपिक में रजत पदक जीता है।

दिए गए 1 करोड़

मीराबाई चानू का स्वागत करने के लिए मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह भी हवाई अड्डे पर पहुंचे थे। मीराबाई हवाई अड्डे से मणिपुर राज्य सरकार के सम्मान समारोह में शामिल होने पहुंची था। जहां पर मुख्यमंत्री ने इन्हें राज्य सरकार की ओर से एक करोड़ रुपये का चैक और एडिशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस पद का नियुक्ति पत्र दिया गया। इससे पहले दिल्ली में केंद्र सरकार की ओर से इनका स्वागत किया गया था और यहां पर रेल मंत्रालय ने उन्हें दो करोड़ रुपये और प्रमोशन दिया था।

घर पहुंचा पिज्जा

डोमिनोज कंपनी की ओर से भी मीराबाई चानू का अनोखी तरह से स्वागत किया गया। जब ये अपने घर पहुंची तो इन्हें फ्री में पिज्जा मुहैया कराया गया। चानू ने पदक जीतने के बाद कहा था कि वो अब पिज्जा खाकर जश्न मनाएगी। इसके बाद डोमिनोज की ओर से इनके घर में फ्री में पिज्जा भेजा गया।

आपको बता दें कि भारत ने 21 साल बाद ओलंपिक भारोत्तोलन में पदक जीता है।

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