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कई आए और चले गए : उत्तराखंड को अब तक मिले 12 CM, एक ही पूरा कर पाया कार्यकाल

देश में उत्तराखंड की सियासत काफी चर्चा में बनी रहती है. हाल ही में पुष्कर सिंह धामी को विधायक दल का नेता चुना गया है. पुष्कर सिंह जल्द ही राज्य के नए सीएम के रुप में शपथ लेंगे. बीते दो दशक की बात करें तो उत्तराखंड की सियासत बीते 20 सालों में बहुत उथल पुथल भरी रही है. दो दशक में अब तक उत्तराखंड ने 12 मुख्यमंत्री देखे लिए है और ताज्जुब की बात है कि 12 में से केवल एक ही सीएम अपना कार्यकाल पूरा कर पाया है.

उत्तराखंड को बने हुए 21 साल हो गए है, लेकिन सीएम की कुर्सी पर पांच साल अब तक महज एक मुख्यमंत्री ही राज कर पाया है.उत्तराखंड में अब तक 12 बार अलग-अलग मुख्यमंत्री शपथ ले चुके हैं जिसमें सबसे ज्यादा हरीश रावत ने तीन बार सीएम की कुर्सी संभाली है. आइए आपको विस्तार से उत्तराखडं की राजनीति के बारे में बताते हैं…

trivendra singh rawat

गौरतलब है कि, बीते दिनों त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीएम पद से इस्तीफ़ा दिया था. ऐसा राज्य में कोई पहली बार नहीं हुआ है जब भारतीय जनता पार्टी को 5 साल पूरे होने से पहले मुख्यमंत्री बदलना पड़ा हो.

इससे पहले साल 2002 में बीजेपी के भगत सिंह कोश्यारी सिर्फ 123 दिन तक ही CM रहे थे. जब त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीएम पद त्याग दिया था तो फिर तीरथ सिंह रावत को 6 महीने के भीतर विधानसभा उपचुनाव जीतना था. इसके बलबूते ही वे सीएम रह पाते. लेकिन चुनाव का होना निश्चित नहीं था और ऐसे में तीरथ सिंह रावत को इस्तीफ़ा देना पड़ा.

nityanant swami

साल 2002 में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान देश को एक नया राज्य उत्तराखंड के रुप में मिला. पहले सीएम बने बीजेपी के नित्यानंद स्वामी. लेकिन साल भर के भीतर ही उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ गया. उनके बाद राज्य को नया सीएम भगत सिंह कोश्यारी के रुप में मिला. लेकिन कोश्यारी को 4 माह में ही त्याग पत्र देना पड़ा. उन्होंने इस्तीफ़ा विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के चलते दिया था.

नारायण दत्त तिवारी ने ही पूरा किया कार्यकाल…

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उत्तराखंड की राजनीति के इतिहास में नारायण दत्त तिवारी ही एक ऐसे सीएम रहे हैं जिन्होंने अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया था. भगत सिंह के बाद राज्य की कमान कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी ने साल 2002 से साल 2007 के बीच संभाली.

bhuwan chandra khanduri

नारायण दत्त तिवारी के बाद 8 मार्च 2007 को भुवन चन्द्र खंडूरी ने सत्ता संभाली. वे राज्य में भाजपा के पहले सीएम थे. हालांकि वे अधिक दिनों तक कुर्सी नहीं संभाल सके. 23 जून 2009 तक ही वे राज्य के सीएम रहे थे. खंडूरी के जाने के बाद वर्तमान में मोदी सरकार में शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को सत्ता मिली.

लेकिन वे 4 माह ही कुर्सी संभाल पाए. निशंक के जाने के बाद एक बार फिर खंडूरी के हाथों में साल 2011 में भाजपा ने उत्तराखंड सौंपा. साल 2012 में जब विधानसभा चुनाव हुए तो भाजपा को हार का सामना कारण पड़ा और कांग्रेस फिर से सत्ता में लौटी.

इस बार कांग्रेस की ओर से विजय बहुगुणा ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली. लेकिन हुआ वहीं जो पहले के सीएम के साथ होता आ रहा था. वे भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए.

दो साल बाद फिर सीएम बदलना पड़ा और अब कमान हरीश रावत के हाथों में थी. साल 2017 में राज्य में विधानसभा चुनाव हुए तो भाजपा ने वापसी की और प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई. पार्टी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को 18 मार्च 2017 को सीएम के तौर पर शपथ दिलाई. त्रिवेंद्र अपना कार्यकाल पूरा करने की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन 4 साल होने के बाद उन्होंने भी हाल ही में इस्तीफ़ा दे दिया.

ये है उत्तराखंड के अब तक के सभी सीएम…

नित्यानंद स्वामी, भगत सिंह कोश्यारी, नारायण दत्त तिवारी, भुवन चंद्र खंडूरी, (दो बार बने सीएम) विजय बहुगुणा जोशी, हरीश रावत (तीन बार ली शपथ), त्रिवेंद्र सिंह मुख्यमंत्री, तीरथ सिंह रावत. वहीं इस सूची में नया नाम जल्द ही पुष्कर सिंह धामी के रुप में जुड़ जाएगा.

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