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भारत के संविधान से टक्कर लेना ट्विटर को पड़ा भारी, गिर गए उसके 25 फ़ीसदी शेयर…

भारत से टकराव का ट्विटर को नुकसान, पिछले चार महीने में कंपनी के शेयर करीब 25 प्रतिशत टूटे...

नए आईटी (IT) नियमों और संविधान की अवहेलना करना ट्विटर (Twitter) को अब भारी पड़ रहा है। भारत सरकार की लगातार यह क़वायद रही कि ट्विटर भारतीय संविधान को तवज्जों दे साथ ही साथ New Information &Technology Rules को फ़ॉलो करें, लेकिन ट्विटर अपने जिद्द पर अड़ा रहा। जिसकी वज़ह से अब उसे नुकसान उठाना पड़ रहा है।

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बता दें कि भारत सरकार ने सभी सोशल मीडिया साइट्स के लिए नए आईटी नियम बनाए हैं। लेकिन इन नियमों को नहीं मानने पर उतारू ट्विटर को इसका खामियाजा उसके शेयरों की पतली होती हालत के रूप में चुकाना पड़ रहा है। इतना ही नहीं गाजियाबाद में बुजुर्ग व्यक्ति को लेकर जो वीडियो वायरल हुई। वह भी ट्विटर के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी करता दिख रहा है। जिसके लिए तो बाकायदा ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी को नोटिस तक भेज दिया गया है कि वह सात दिन के भीतर हाज़िर हो और अपनी बात पुलिस के सामने रखें।

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वैसे इस आर्टिकल में हम बात ट्विटर के गिरते शेयर की कर रहें तो बता दें कि भारत सरकार के साथ ट्विटर के विवादों की वजह से न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) में उसका शेयर 52 हफ्ते की ऊंचाई (52 Week high) से 25 परसेंट से ज्यादा टूट चुका है। 16 जून को ट्विटर ने भारत में अपना इंटरमीडियरी स्टेटस भी गंवा दिया। भारत सरकार ने कहा कि हमने ट्विटर को नए आईटी रूल्स से चलने के लिए कई मौके दिए, लेकिन वह मनमानी पर अड़ा रहा। जिसके बाद न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर बुधवार को ट्विटर का शेयर आधा परसेंट गिरकर 59.93 डॉलर पर बंद हुआ। हालांकि गुरुवार को कंपनी के शेयरों में सुधार दिखा, जब आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम ट्विटर को भारत में बैन करने नहीं जा रहे हैं। ट्विटर का शेयर 26 फरवरी, 2021 को 52 हफ्ते की ऊंचाई 80.75 डॉलर प्रति शेयर से नीचे फिसलकर 59.93 डॉलर तक लुढ़क गया, यानी 25.78% टूट चुका है। 26 फरवरी से लेकर अबतक ट्विटर 13.87 बिलियन डॉलर की मार्केट कैप गंवा चुका है या 22.54 परसेंट मार्केट कैप साफ हो चुकी है।

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मालूम हो कि इसके पहले भी ट्विटर जब भारत सरकार से उलझा था तो उसे जोर का झटका धीरे से लगा था। यह बात 13 नवंबर, 2020 की है, जब लेह को लद्दाख की यूनियन टेरिटरी दिखाने की बजाय जम्मू-कश्मीर का हिस्सा दिखाया था, तब भारत सरकार ने ट्विटर को नोटिस भेजा था। इसके तुरंत बाद ही सोशल मीडिया पर #BanTwitter ट्रेंड करने लगा था, और ट्विटर के शेयर 43.48 डॉलर तक लुढ़क गया था। ऐसे में अभी भी ट्विटर के पास समय है कि वह अपनी मनमानी छोड़ संविधान और भारतीय क़ानून को मनाने को तैयार हो जाएं। वरना भारतीय अगर किसी को सिर पर चढ़ाना जानते हैं तो उसे परिस्थितिवश गिराना भी जानते हैं। यह बात ट्विटर को भलीभांति समझ लेना चाहिए। वरना भारत मे कारोबार करना उसके लिए मुश्किल हो जाएगा। जिसकी शुरुआत कहीं न कहीं हो गई है। अभी शेयर टूट रहें, केस दर्ज हो रहा और तो और इंटरमीडियरी स्टेटस का दर्ज ख़त्म हुआ है, कहीं ज़्यादा देर न हो उसके पहले ट्विटर को यह बात समझ में आ जाएं तो बेहतर है।

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क्या होता है इंटरमीडियरी स्टेटस…

नए IT रूल्स के सेक्शन 7 के मुताबिक, अगर सोशल मीडिया साइट्स नियमों का पालन नहीं करती हैं तो उनका इंटरमीडियरी स्टेटस खत्म हो जाता है और वेबसाइट पर जो भी कंटेंट जाता है उसकी पूरी जिम्मेदारी और जवाबदेही सिर्फ सोशल मीडिया वेबसाइट की होती है, इस केस में ट्विटर की होगी। यानी ट्विटर अब भारत में थर्ड पार्टी गैरकानूनी कंटेंट के लिए IPC के तहत कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होगा। इससे पहले IT Act के सेक्सन 79 के तहत Twitter को कानूनी सुरक्षा मिली हुई थी।

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