अध्यात्म

इस गुफा में मौजूद है गणेशजी का कटा हुआ सिर और भी कई चीजे जो अदभुत है

यह कहानी आप सबने सुनी होगी.

भगवान शंकर ने क्रोध वश गणेशजी का सिर काट दिया था और गणेश जी का सिर ना मिलने पर गजराज का सिर काटकर गणेशजी को लगा दिया गया था.

किसी को पता नहीं चला था कि गणेशजी का कटा हुआ सिर आखिर धरती पर कहाँ गिरा और कहाँ गया.

आज हम आपको गणेशजी के उसी कटे हुए सिर के बारे में बताएँगे जो उस समय शिव दूतों को ढूंढने पर नहीं मिला और वह सिर ना मिलने पर शंकरजी ने भगवान् गणेश को गज का सिर लगा दिया था.

तो आइये जानते है कहा है पाताल भुवनेश्वर की गुफा जहाँ मिला गणेशजी का कटा हुआ सिर !

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1 – उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में एक  पाताल भुवनेश्वर की गुफा है.

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2 – यह गुफा बहुत बड़ी विशाल पहाड़ के समीप लगभग 90 फीट अंदर स्थित है.

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3 – इस गुफा की खासियत यह है कि  इस गुफा में कुछ अद्भूत और आस्था के प्रतीक से जुड़ी चीजें देखने को मिलती है.

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4 – यह  गुफा ऋषि आदिशंकराचार्य द्वारा खोज  की गई.

इस गुफ में  चारों युगों का  प्रतीक के  रूप में 4 पत्थर स्थित  हैं. जिसमे से एक कलियुग का प्रतीक चिन्ह कहा जाता है.

इस पत्थर की खासियत यह है कि  यह दिनों दिन धीरे -धीरे  ऊँचा ऊपर की तरफ बढ़ रहा है. इसके लिए यह कहा जाता है कि  जिस दिन यह पत्थर ऊपर की  दीवार से जाकर टकरा जायेगा  उसी  दिन से  कलियुग का पूर्णतः अंत होगा.

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5 – इस पाताल भुवनेश्वर गुफा रहस्यों और आश्चर्यों से भरा हुआ है.

यहाँ गणेशजी का कटा हुआ सिर ‍मूर्ति के रूप में स्थित है, जिसको भगवान गणेशजी का कटा हुआ सिर कहा जाता है, जो धरती में गुम गया था.

गणेशजी के सिर के  ऊपर 108 पंखुड़ियों का  ब्रह्मकमल स्थित है.

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6 – इस ब्रह्म कमल से  गणेशजी  के उस कटे मस्तक के ऊपर पानी  बूंद टपकती हुई देखी जा सकती है. इस ब्रह्मकमल के लिए कहा जाता है कि इसकी स्थापना यहाँ  भगवान शिव के द्वारा ही की गई है.
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7 – इसके अतिरिक्त इस गुफा में  बद्रीनाथ, केदारनाथ और अमरनाथ की मूर्तियाँ भी देखी जा सकती है. अर्थात इस जगह में इन तीनो जगह का एक साथ दर्शन किया जा सकता है.

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8 – यहाँ  बद्री पंचायत में  लक्ष्मी-गणेश, यम-कुबेर, तथा वरुण-गरूड़ की मूर्तियाँ स्थित हैं साथ ही शेषनाग और तक्षक नाग का प्रतीक भी गुफा की  चट्टान में देखा जा सकता है.

9 – यहाँ अमरनाथ की भी गुफा है, जिसके पत्थरों पर जटाएं फैलकर बिखरी हुई हैं. इस  गुफा के पास कालभैरव की जिह्वा  के दर्शन भी कर सकते  हैं.

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इस कालभैरव जिह्वा के लिए कहा जाता है कि अगेर कोई इंसान इसके  मुंह से होकर  गर्भ के अंदर प्रवेश करते हुए  पूंछ के पास पहुंच जाता है तो उस इंसान को मोक्ष प्राप्ति होती  है.

ये थी पाताल भुवनेश्वर की गुफा – यह अद्भूत पाताल भुवनेश्वर की गुफा आज हिन्दू आस्था का प्रतीक है. यह पाताल भुवनेश्वर की गुफा श्रद्धालुओं का केंद्र बिंदु बनी हुई है. इस दिव्य गुफा का आप भी एक बार दर्शन जरुर करके आयें.

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