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मुनाफा कमाने के लिए पंजाब सरकार ने निजी अस्‍पतालों को बेची वैक्सीन, BJP ने की जांच की मांग

कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर पंजाब की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। विपक्ष का दावा है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने राज्य में कोरोना वायरस की दवाइयों की कालाबाजारी की है। आरोपों के अनुसार पंजाब सरकार ने निजी अस्पतालों को कोरोना की दवाई अधिक दामों पर बेची हैं। पंजाब सरकार ने सबसे पहले वैक्सीन को तय कीमत पर खरीदा। उसके बाद उसे ज्यादा कीमत पर निजी अस्पतालों को बेचा।

इन संगीन आरोपों के बाद से पंजाब सरकार की आलोचना की जा रही है और विपक्ष जांच की मांग कर रहा है। वहीं इस पूरे मामले पर पंजाब सरकार के मंत्री की भी प्रतिक्रिया आई है और उन्होंने जल्द से जल्द मामले की जांच करने की बात कही है।

क्या है पूरा मामला

आरोप है कि पंजाब सरकार ने राज्‍य के कोटे की कोवैक्सिन (Covaxin) को निजी अस्‍पतालों को बेचा है। राज्‍य के कोटे की वैक्‍सीन सरकार को मिलने के बाद। इन्होंने निजी अस्‍पताल को अधिक दामों पर बेचा गया और प्रति खुराक पर राज्य सरकार ने 660 रुपए का लाभ कमाया है। आरोपों के अनुसार पंजाब सरकार ने 1 लाख कोवैक्सिन की शीशीयों में से 20 हजार वैक्‍सीन राज्‍य के निजी अस्‍पतालों को 1,060 रुपए प्रति खुराक की दर से बेची। इन कोरोना वैक्‍सीन की कीमत 400 रुपये थी। वहीं अधिक कीमत पर वैक्सीन खरीदने के बाद निजी अस्‍पतालों ने लोगों को ये वैक्सीन 1,560 रुपए पर लगाई।

हालांकि इस पूरे मामले पर पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बीएस सिद्धू की प्रतिक्रिया आई है और इन्होंने जांच करने की बात कही है। इन्होंने कहा कि उनका टीकों पर नियंत्रण नहीं है। वे सिर्फ उपचार, परीक्षण, कोरोना के नमूने और टीकाकरण शिविरों को देखते हैं। इन आरोपों की जांच करवाई जाएगी। वे खुद भी मामले की जांच कर सकते हैं।

राज्य सरकार कमाना चाहती है मुनाफा- जावड़ेकर

पंजाब सरकार पर लगे आरोपों पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का बयान भी आया है और इन्होंने कहा है कि “आज एक खबर आई है कि पंजाब सरकार को वैक्सीन की 1,40,000 से ज्यादा डोज 400 रुपये में मिलीं और वो वैक्सीन उन्होंने 20​ निजी अस्पतालों को 1000 रुपये में दी। वैक्सीनेशन में भी राज्य सरकार मुनाफा कमाना चाहती है, ये जनता का कैसा प्रशासन है.”

केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “पंजाब कोरोना से प्रभावित है, वैक्सीन का ठीक प्रबंधन नहीं हो रहा। पिछले 6 महीने से उनकी आपसी लड़ाई चल रही है, पूरी पंजाब सरकार और पार्टी 3-4 दिन से दिल्ली में है, पंजाब को कौन देखेगा? अपनी अंदरूनी राजनीति के लिए पंजाब के लोगों की अनदेखी करना कांग्रेस का बड़ा पाप है।”

इससे पहले अकाली दल के सांसद सुखबीर बादल ने पंजाब सरकार पर निजी अस्पतालों को वैक्सीन बेचने का आरोप लगाया था और मामले को गंभीर बताते हुए हाईकोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग की थी। वहीं केंद्रीय राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने भी पंजाब सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि कैप्टन टीकाकरण को लेकर गंभीर नहीं हैं। यही वजह है कि पंजाब में टीकों की कालाबाजारी जोरों पर है। पंजाब सरकार भी केंद्र से मिलने वाले मुफ्त टीकों की खुराक को 1060 रुपये में निजी अस्पतालों को बेच रही है।

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