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उज्जैन महाकाल मंदिर में खुदाई के दौरान मिल रही हैं ऐसी चीजें, एक्सपर्ट भी देखकर हो गए हैं हैरान

उज्जैन महाकाल मंदिर के परिसर से पुरातत्व विभाग की टीम को पुराने अवशेष मिले हैं। कुछ दिन पहले ही खुदाई के दौरान ये अवशेष हाथ लगे हैं। जिसके बाद इसकी जानकारी अधिकारियों को दी गई। वहीं जब संस्कृति मंत्रालय को इसकी सूचना मिली तो मंत्रालय ने फौरन एक टीम यहां के लिए रवाना कर दी।

गहराई से की जा रही है जांच

मिली जानकारी के अनुसार पुरातत्व विभाग की टीम ने उज्जैन महाकाल मंदिर में जाकर गहराई से जांच की। पुरातत्व विभाग की टीम के अनुसार मंदिर से मिले ये अवशेष करीब 2100 साल पुराने हैं और टीम अभी भी गहराई से जांच कर रही है। इस बारे में अधिकारियों ने कहा कि मंदिर में मिले अवशेषों को निगरानी से देखने के बाद एक रिपोर्ट बनाई जाएगी। इस रिपोर्ट को संस्कृति मंत्रालय को सौंपा जाएगा।

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पुरातत्व विभाग की ये टीम डॉ रमेश यादव द्वारा लीड की जा रही है। डॉ रमेश यादव ने परिसर में मिले अवशेषों के बारे में कहा कि ये प्राचीन मंदिर के अवशेष हैं। इनके अनुसार 11वीं और 12वीं शताब्दी में बने मंदिर के अवशेष वर्तमान मंदिर परिसर के नीचे दबे हुए हैं। ये उत्तर वाले भाग से मिले हैं। दक्षिण की ओर 4 मीटर नीचे एक दीवार भी मिली है। जो कि शुंग युग से संबंधित प्रतीत होती हैं। ये करीब 2100 साल पुरानी हो सकती है। पहले भी ऐसे अन्य अवशेष मिले हैं। जो इस बात के संकेत देते हैं कि मंदिर शुंग युग में मौजूद था।

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इसके अलावा उत्कृष्ट खंभे, आधार ब्लॉक, मंदिर के गुंबद के हिस्से और पत्थर के नक्काशीदार रथ भी मिले हैं। डॉ यादव ने कहा कि पुरातत्वविदों को मंदिर स्थल का संकेत देने वाले प्राचीन निर्माण के अंश भी मिले थे। डॉ. रमेश यादव ने दावा किया कि खुदाई कार्य को जानकारों की निगरानी में करने की जरुरत है। यहां बड़े अवशेष भी मिल सकते हैं। रिपोर्ट मंत्रालय को पेश करेंगे। आने वाले दिनों में कार्य की रिकॉर्डिंग कराई जाएगी।

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वहीं संस्कृति मंत्रालय के आदेश पर भोपाल संचालनालय पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय के चार सदस्य डॉ. रमेश यादव (पुरातत्वीय अधिकारी), डॉ. धुवेंद्र सिंह जोधा (शोध सहायक), योगेश पाल (पर्यवेक्षक) और डॉ. राजेश कुमार ने बुधवार को मंदिर में निरीक्षण भी किया।

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की जाए मंदिर की खुदाई

ये पहला मौका नहीं है जब उज्जैन महाकाल मंदिर के परिसर से पुराने अवशेष हाथ लगे हों। इससे पहले भी कई बार खुदाई के दौरान प्राचीन चीजें हाथ लग चुकी हैं। पिछले साल दिसंबर 2020 में भी हजारों साल पुराने शिलालेख मिले थे। इसके बाद खुदाई का कार्य रोक दिया गया था। जिसके कुछ समय बाद फिर से इसे शुरू किया गया था। वहीं यहां खुदाई के दौरान सोमवार को माता की प्रतिमा भी मिली थी।

खुदाई के दौरान मिल रही इन प्राचीन चीजों पर भोपाल के रहने वाले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के रिटायर्ड अधीक्षक डॉ. नारायण व्यास ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। इन्होंने कहा है कि महाकाल वन की खुदाई की जानी चाहिए। अभी जो साक्ष्य मिले, वो ईसा पूर्व हो सकते हैं। साइंटिफिक पद्धति से स्टडी करवाने की जरुरत है। महाकाल मंदिर में वर्ल्ड हेरिटेड मॉन्यूमेंट्स भी मिल सकते हैं।

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