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जनता की भलाई के लिए मोदी के पैर भी छू लूं , लेकिन क्या उससे होगा जनता का भला बताएं मोदी जी?

ममता बनर्जी का आरोप नीचा दिखाने के लिए बुलाई गई थी बैठक

शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यास चक्रवात के बाद पश्चिम बंगाल के हालातों का जायज़ा लेने पहुँचें थे। उस दौरान प्रधानमंत्री मोदी की मीटिंग पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से तय थी, लेकिन क़रीब आधे घण्टे की देरी से ममता बनर्जी पीएम मोदी की मीटिंग में पहुँची थी। जिसके बाद मीटिंग को लेकर खूब बयानबाजी देखने को मिल रही थी। भाजपा से जुड़े नेता जहां इसे संवैधानिक व्यवस्था पर हमला बता रहें थे। वही अब जाकर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने अपनी सफ़ाई पेश की है।

mamta and modi

टीएमसी सुप्रीमो और सीएम ममता बनर्जी ने शनिवार को कोलकाता में पत्रकारों से बात करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी से हाथ जोड़कर विनती भी की। इस दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि वह तो पीएम मोदी के पैर छूने को भी तैयार हैं। बता दें इस दौरान ममता बनर्जी एक तरफ तो पीएम मोदी के पैर छूने की बात कर रही थी। तो दूसरी तरफ ममता बनर्जी ने यह आरोप लगाया कि वह बैठक उन्‍हें नीचा दिखाने की योजना था। ममता ने यह भी कहा कि उन्‍होंने पीएम मोदी को इंतजार नहीं कराया उलटे उन्‍हें ही पीएम से मिलने के लिए इंतजार करना पड़ा।

ममता बनर्जी ने आगे कहा कि वह प्रधानमंत्री के पैर भी छूने को तैयार हैं अगर इससे उनके अहम को राहत मिलती हो और इससे जनता का भला होता हो। ममता ने राज्‍य के मुख्‍य सचिव अलपन बंदोपाध्‍याय का दिल्‍ली ट्रांसफर रोकने का भी अनुरोध किया और कहा ऐसा करना देश भर के नौकरशाहों का अपमान है।


वही ममता बनर्जी ने मीटिंग में देर से पहुँचने पर सफाई देते हुए कहा कि, “जब हम प्रधानमंत्री और मुख्‍यमंत्री के साथ होने वाली बैठक स्‍थल पहुँचें तो हमसे कहा गया कि पीएम कुछ देर पहले पहुंच चुके हैं और बैठक चल रही है। हमें बाहर इंतजार करना पड़ेगा। कुछ देर हमने इंतजार करने के बाद जब दोबार अंदर जाने की अनुमति मांगी तो कहा गया कि अगले 1 घंटे तक कोई नहीं जा सकता।”


इतना ही नहीं ममता बनर्जी ने आगे कहा कि, “फिर किसी ने हमें बताया कि मीटिंग कॉन्‍फ्रेंस हॉल में शिफ्ट हो गई है। जब मुख्‍य सचिव और हम वहां पहुंचे तो देखा कि पीएम, गवर्नर, केंद्रीय नेताओं और विपक्षी दल के विधायकों के साथ मीटिंग कर रहे थे। यह मीटिंग केवल राजनीतिक बदला लेने के लिए बुलाई गई थी। ओडिशा और गुजरात में हुई समीक्षा बैठक में तो राज्‍यपाल और विपक्ष के नेताओं को नहीं बुलाया गया था।”

इस पर ममता ने आपत्ति जताते हुए कहा, ‘हमें जो बताया गया यह उसके एकदम उलट था। यह मीटिंग केवल पीएम और सीएम के साथ होनी थी। इसलिए हमने पीएम को रिपोर्ट सौंपने का फैसला किया और दीघा के दौरे की उनसे अनुमति मांगी। मैंने प्रधानमंत्री से तीन बार अनुमति मांगी।”

mamta banerjee

मालूम हो कि ममता बनर्जी द्वारा प्रधानमंत्री को इंतजार कराएं जाने की बात पर भाजपा के कई नेताओं ने ममता बनर्जी को आड़े हाथ लिया। अमित शाह, राजनाथ सिंह, निर्मला सीतारमण समेत भाजपा के वरिष्‍ठ नेताओं ने ममता बनर्जी के इस रवैये की आलोचना की थी। वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि, “पीएम चक्रवात से बर्बाद राज्‍य का दौरा करने गए थे। सीएम और पीएम भारत की जनता की सेवा करने वाले संवैधानिक पद हैं। ममता बनर्जी के बर्ताव से दोनों पदों की गरिमा कमतर हुई है। यह बंगाल की जनता के साथ अन्‍याय है।”


ममता ने कहा मैं तो आपके पैर भी छू लूं…

बता दें कोलकाता में शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम ममता बनर्जी ने पीएम मोदी से हाथ जोड़कर खास आग्रह तो किया, लेकिन बातों ही बातों में केंद्र की मोदी सरकार को घेरने से बाज़ नहीं आई। ममता बनर्जी ने कहा वो पीएम के पैर छूने के लिए भी तैयार हैं। लेकिन, हमारे साथ ऐसा काम मत करिए, जिससे बंगाल की जनता को दुख पहुंचे। ममता बनर्जी ने आगे कहा कि कृपया इस तरह से मुझे बदनाम ना करें। मुझे अपमानित भी ना करें। आपको अभी पश्चिम बंगाल में मिली हार नहीं पची है। यही कारण है आप सभी मुझे अपमानित कर रहे हैं। सीएम ममता बनर्जी ने आगे कहा कि मेरे लिए बंगाल की जनता सबसे पहले है। आप सीएम और मुख्य सचिव के खिलाफ ऐसे खेल नहीं खेलें। मैं आपसे हाथ जोड़कर आग्रह करती हूं मुख्य सचिव को काम करने दीजिए। हमें कोरोना संकट और यास चक्रवात से पैदा हुए हालात से मिलकर लड़ना है।

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