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किस्मत ने बचा ली युवक की जान, वरना बुल फाइटिंग देखना पड़ जाता महंगा

किस्मत ने बचा ली युवक की जान, वरना मरना तो पक्का था!

“जाको राखे साइयां, मार सके न कोय।” यह कहावत काफ़ी प्रचलित है। आजकल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही। जिस वीडियो पर यह कहावत सटीक बैठती है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किसी शहर में बुल फाइटिंग (बैलों की लड़ाई) प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन को देखने के लिए मौके पर भारी संख्या में लोग पहुंचे हुए हैं। लोगों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम भी किए गए हैं। लोग चियर्स कर प्रतिभागियों का हौसला अफजाई कर रहे हैं।

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इस बीच कुछ ऐसा होता कि प्रतिभागियों का हौसला अफ़जाई करने वालों की सांसें अटक जाती है। वे सभी हैरान रह जाते हैं। बता दे कि रेफरी सिटी बजाकर खेल शुरू करने की अनुमति देता है। जिसके बाद फाटक को खोल दिया जाता है। सभी बैल सरपट सड़क पर दौड़ते हैं और विरोधी लोगों पर हमला करना शुरू कर देते हैं। इतने में एक व्यक्ति जान बचाकर भागने की कोशिश करता है। इस दौरान वह सड़क किनारे स्थित मकान से टकरा जाता है। ऐसा लगता है कि मानो बैल ने टक्कर मार दी है।

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हालांकि, इसी समय व्यक्ति की किस्मत बदल जाती है। व्यक्ति लगभग मौत की मुंह से बाहर निकल आता है। सबसे पहले बैल दीवार से टकराकर चारों खाने चित हो जाता है। जिसके बाद व्यक्ति एक अन्य बैल की टक्कर से सड़क पर असहाय स्थिति में गिर जाता है। तभी दूसरा सांढ़ आकर पहले सांढ़ को पटकनी दे देता है। इस दौरान व्यक्ति को जान बचाने के लिए समय मिल जाता है। वह फुर्ती से खड़ा होकर दर्शक दीर्घा में जाने लगता है कि तभी एक और सांढ़ उसे जोर से मारने की कोशिश करता है। तब तक व्यक्ति शारीरिक संतुलन बना लेता है और छलांग लगाकर दर्शक दीर्घा में जा पहुंचता है। इस तरह से किस्मत के सहारे व्यक्ति की जान बच जाती है।

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बता दें कि इस वीडियो को भारतीय वन सेवा के अधिकारी सुशांत नंदा ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। जिसे काफ़ी संख्या में लोग देख रहें हैं। यहां जानकारी के लिए बता दें कि वैसे तो स्पेनिश बुल फाइटिंग की चर्चा आम होती है, लेकिन भारत मे भी कई जगह इसका आयोजन किया जाता है। जल्लीकट्टू को कौन भुला सकता है। वह भी इसी तरीक़े का एक खेल होता है जिसपर रोक लगाने की काफ़ी माँगे उठती रहती है। वैसे इस प्रकार के खेल भले मनोरंजन या परम्परा के नाम पर चलें आ रहें हो, लेकिन यह मानव और पशुओं दोनों के लिहाज़ से उचित नहीं। जिसपर रोक लगनी बहुत जरूरी है। आख़िर कब तक मनोरंजन और परंपरा के नाम पर ऐसे जीवन को दांव पर लगाया जाता रहेगा। मान लिजिए इस वीडियो में दिख रहा युवक अपनी क़िस्मत की वज़ह से बच गया, लेकिन रह बार क़िस्मत साथ दें। यह जरूरी तो नहीं।

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