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शनिदेव 23 मई से लेकर 11 अक्टूबर तक चलेंगे उल्टी चाल, जानिए आपकी राशि पर प्रभाव

23 मई से शनिदेव हो रहें वक्री, जानिए क्या पड़ेगा विभिन्न राशियों पर इसका प्रभाव...

शनिदेव को “न्याय का देवता” माना जाता है। जो सभी को कर्मों के अनुसार फ़ल प्रदान करते हैं। ऐसा हिन्दू धर्म में मान्यता है। वहीं शनि को वैदिक मान्यताओं में सबसे क्रूर माना जाता है। नौ ग्रहों में न्यायाधीश की भूमिका किसी की है तो वह शनि ही है। हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार शनि की कुदृष्टि जिस पर पड़ जाएं उसका हर तरफ़ से अनर्थ ही होता है, वहीं जिसपर शनिदेव प्रसन्न हो जाएं उसकी चांदी ही चांदी।

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इस साल शनिदेव 23 मई, रविवार को अपनी ही राशि मकर में वक्री चाल से चलना आरंभ करेंगे और 11 अक्तूबर तक वक्री अवस्था में ही रहेंगे। 23 मई की दोपहर 2 बजकर 23 मिनट पर शनि देव अपनी ही राशि मकर में वक्री हो जाएंगे और उल्टी चाल चलने लगेंगे। शनि की यह वक्री 141 तक रहेगी। जिसके बाद 11 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 58 मिनट पर शनि फिर से मार्गी हो जाएंगे। ऐसे में आइए जानते हैं कि शनि की वक्री का देश की स्थिति-परिस्थितियों पर क्या पड़ेगा प्रभाव और क्या असर होगा बारह राशियों पर…

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बता दें कि शनि देव के वक्री होने की घटना हर मायने में महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इसका असर सिर्फ़ किसी व्यक्ति विशेष पर नहीं पड़ता बल्कि देश-दुनिया भी शनि की वक्री चाल से प्रभावित होती है। इस दौरान दुनिया भर में आपको भूस्खलन और भूकंप जैसी घटनाओं में अचानक से वृद्धि होती दिख सकती है। जिसकी शुरुआत कहीं न कहीं हो चुकी है क्योंकि देश लगातार दूसरे चक्रवात का सामना कर रहा है। बता दें कि इस दौरान वातावरण में अत्यधिक शीतल और तेज हवाएं चलती हैं। साथ ही साथ वृष राशि में स्थित राहु की दृष्टि मकर राशि पर होने से प्राकृतिक आपदाओं और अचानक से किसी नये रूप में महामारी आने का खतरा रहता है। वैसे भी कोरोना महामारी और अब ब्लैक फंगस को जब महामारी घोषित अधिकतर राज्य कर रहें तो क्या इस बार शनि की वक्री ज़्यादा ही कष्टकारी साबित होने वाली। ऐसा तो नहीं?

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आइए अब जानते हैं अलग-अलग राशि के जातकों पर शनि के वक्री का क्या पड़ेगा प्रभाव…

मेष : मेष राशि के जातकों की बात करें तो दशम स्थान में शनि का वक्री होना इस राशि के जातकों के कार्य को प्रभावित करेगा। आजीविका के साधनों के लिए दौड़ भाग करनी पड़ सकती है।

वृषभ : सीधे भाग्य स्थान को प्रभावित कर रहा है। पैसों के लिए परेशान होना पड़ेगा। कठिन समय रहेगा धैर्य रखें।

मिथुन : इस राशि के जातक शनि के ढैया के प्रभाव में हैं। साथ ही साथ इस राशि के जातकों के अष्टम भाव को शनि प्रभावित कर रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य का ध्यान रखें। आय प्रभावित होगी।

कर्क : साझेदारी, दांपत्य जीवन में टकराव, विवादित स्थिति बनेगी। पैसों का संकट, विवाह में रूकावट आएगी।

सिंह : इस राशि के जातकों के रोग स्थान में शनि वक्री होगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। बीमारियों पर खर्च होगा। दौड़भाग रहेगी।

कन्या : संतान पक्ष, शिक्षा प्रभावित होगी। खर्च की अधिकता रहेगी, स्वजनों से विवाद हो सकता है।

तुला : परिवार में विवाद, रोग, शोक की स्थिति रहेगी। संयम से काम लें। आय प्रभावित होगी। सुखों में कमी।

वृश्चिक : पराक्रम में कमी आएगी। भाई-बहनों से विवाद संभव है। कर्ज लेने की नौबत आ सकती है।

धनु : वाणी खराब हो सकती है, पैसों की तंगी महसूस होगी। संपत्ति को लेकर विवाद संभव है। स्वास्थ्य खराब होगा।

मकर : मानसिक कष्ट, रोग, पिता को कष्ट, स्वयं के स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है।

कुंभ : खर्च की अधिकता, कर्ज लेने की नौबत आएगी। व्यर्थ की भागदौड़ रहेगी। संयम से काम लें।

मीन : एकादश में आय प्रभावित होगी। खर्च संभलकर करें। हालांकि आय के नए स्रोत भी मिलेंगे।

बारह राशियों पर पड़ने वाले अलग-अलग प्रभावों को जानने के बाद बता दे कि शनि की साढ़ेसाती से प्रभावित राशियों को इस दौरान विशेष सावधान रहने की जरूरत है। गौरतलब हो कि इस समय धनु राशि, मकर राशि और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। इन राशियों को शनि की वक्री चाल से विशेष सावधान रहने की आवश्यकता है। इस समय में इन राशियों के जातकों के जीवन में कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं।

हनुमान जी की पूजा कर बचें शनि की वक्री चाल से…

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शनि के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। धार्मिक कथाओं के अनुसार शनि देव ने हनुमान जी को ये वचन दिया है कि वो उनके भक्तों को कभी भी परेशान नहीं करेंगे। ऐसे में करिए इन 141 दिनों तक हनुमान जी को याद। फ़िर बच जाएंगे शनि की कुदृष्टि से।

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