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150KM की रफ़्तार से चल रही बुलेट ट्रेन को छोड़कर ड्राइवर चला गया बाथरूम, फिर जानिए क्या हुआ

लोगों के जुबाँ पर जापान का नाम आते ही उस देश की टेक्नोलॉजी और बुलेट ट्रेन की याद आती है। जापान की पहचान कहीं न कहीं उसकी बुलेट ट्रेन है। जो अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से हवा में बातें करती है। अब अगर बुलेट ट्रेन हवा की रफ़्तार से चलेगी। फ़िर उसे चलाने के लिए मुस्तैदी भी बहुत ज़रूरी होती है। लेकिन हाल ही में जापान में हुई एक घटना ने सबको हतप्रभ कर दिया। दरअसल हुआ कुछ यूँ कि जब बुलेट ट्रेन 150 किलोमीटर घण्टे की रफ़्तार में चल रही थी। इसी बीच उसका ड्राइवर अपना केविन छोड़कर टॉयलेट करने चला गया। अब सोचिए जिस ट्रेन की रफ़्तार 150 किलोमीटर घण्टे हो, और ट्रेन में क़रीब 160 लोग बैठे हो और ट्रेन चलाने वाला ड्राइवर ही नहीं। फ़िर ट्रेन में बैठे लोगो की क्या मनोदशा हुई होगी? क्या क्या ख़्याल नहीं आए होंगे मन में?

bullet train

पहले बता दें कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, “यह हाई स्‍पीड बुलेट ट्रेन टोक्‍यो स्‍टेशन से सुबह 7 बजकर 33 मिनट पर शिन ओसाका के लिए चली थी। जिस ट्रेन का नाम “एन-700-एस” है और ट्रेन को चलाने वाले ड्राइवर को ट्रेन चलाने का आठ वर्ष का अनुभव। इसी बीच ड्राइवर को टॉयलेट जाने की जरूरत महसूस हुई। ऐसे में वह अगले स्टेशन का इंतजार करने की हालत में भी नहीं। फ़िर क्या ड्राइवर वहां मौजूद कंडक्‍टर को केबिन की जिम्‍मेदारी सौंपकर टॉयलेट चला गया। ड्राइवर कुछ मिनट केबिन से बाहर रहा और ट्रेन बिना ड्राइवर की चलती रही।

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एक विशेष बात यह है कि जापान में अधिकतर कन्डेक्टर को ट्रेन चलाने का लाइसेंस मिला होता है, लेकिन दुर्भाग्य देखिए जिस कन्डेक्टर के भरोसे ट्रेन छोड़कर ड्राइवर टॉयलेट गया। उसके पास ट्रेन चलाने का कोई लाइसेंस भी नहीं था। ऐसे में ट्रेन में बैठे क़रीब 160 लोगों की जान क़रीब तीन मिनट तक भगवान भरोसे ही रही। हां अच्छी बात यह रही कि ट्रेन का कोई एक्‍सीडेंट नहीं हुआ और सभी यात्री सुरक्षित हैं। ड्राइवर ने इस घटना के बारे में किसी वरिष्‍ठ को नही बताया, लेकिन यह घटना तब सामने आई जब सेंट्रल कंट्रोल रूम ने यह देखा कि बुलेट ट्रेन एक मिनट की देरी से चल रही थी।

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बता दें कि इस मामले में जापान रेलवे के अफसरों ने ड्राइवर के खिलाफ अनुशासनात्‍मक कार्रवाई करने का आदेश दिया। तो वहीं ड्राइवर की ओर से माफ़ी मांगी गई। सोचिए ट्रेन जापान में एक मिनट की देर हो जाएं तो अधिकारी तक कितना परेशान हो जाते हैं। वहीं एक भारतीय रेलवे है जो घण्टों लेट चलती है। इसके अलावा दुर्घटनाएँ तो जैसे भारतीय रेलवे की नियति में लिखी हो।

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