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एक ऐसा चर्च जहां फूलों से नहीं, कंकाल से की गई है सजावट। जानिए ऐसा क्यों?

चर्च को देकर कई पर्यटकों को मिलती है ख़ुशी, तो कई हो जाते हैं भयभीत

चर्च, मन्दिर- मस्ज़िद या अन्य कोई धार्मिक स्थल हो। अधिकतर को फूलों या विशेष वस्तुओं से सजाया जाता है। वही चेक-गणराज्य में एक चर्च ऐसा भी है जिसे मानव कंकालों से सजाया जाता है। इस चर्च को मानव कंकाल से सजाने के पीछे कारण है। तो हम जानते हैं आज इसी चर्च के बारे में।

पहली मर्तबा पढ़कर तो यह बात हज़म नहीं हो पा रही होगी कि किसी चर्च की सजावट मानव कंकालों से आख़िर क्यों होगी? लेकिन सच यही है कि चेक-गणराज्य स्थित “सेंडलेक ऑस्युअरी” चर्च की सजावट मानवीय कंकालों से ही हुई है। यह चर्च बेहद डरावना महसूस होता है। इसके बावजूद कंकालों से की गई सजावट को देखने के लिए यहां पर हजारों पर्यटक आते हैं। सूत्रों की मानें तो सालाना इस अनोखे चर्च को देखने के लिए दो लाख से ज्यादा लोग आते हैं।

मालूम हो कि यह चर्च चेक गणराज्य की राजधानी प्राग में स्थित है। जिसे सजाने के लिए 40 हज़ार से 70 हज़ार लोगों की हड्डियों का इस्तेमाल किया गया है। यहां छत से लेकर झूमर तक सभी जगह इंसानी हड्डियों का इस्तेमाल किया गया है। वहीं इस चर्च के निर्माण की बात करें तो इसका निर्माण 1870 में हुआ था।

कंकाल से चर्च के सजावट की वज़ह

वर्ष 1278 में बोहेमिया के राजा ओट्टोकर द्वितीय ने एक संत को यरुशलम भेजा था। यह सन्त लौटते समय वहां की पवित्र मिट्टी को अपने साथ ले आया। बोहेमिया पहुंचकर उन्होंने वहां की मिट्टी को एक कब्रिस्तान में डाल दिया। इसके बाद कब्रिस्तान में पवित्र मिट्टी होने के चलते लोग चाहते थे कि मरने के बाद उन्हें वही दफनाया जाए। देखते ही देखते यहां दफन होने वालों की संख्या में काफी इजाफा हो गया। इसके अलावा 14वीं शताब्दी में एक गंभीर बीमारी फैली थी। इसके चलते बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई। उन्हें भी प्राग के उसी कब्रिस्तान में दफनाया गया। जहां पवित्र मिट्टी को डाला गया था।

साथ ही 15वीं सदी में एक युद्ध में भी हजारों लोग मारे गए थे और उन्हें भी उसी कब्रिस्तान में दफनाया गया। इसके बाद कब्रिस्तान में बिल्कुल भी जगह नहीं बची। इसी के चलते स्थानीय लोगों ने तय किया कि वहां दफ़्न लोगों के कंकाल निकालकर चर्च को सजाया जाएगा। जिसके बाद वह चर्च कंकाल का चर्च बन गया।

इस चर्च की विशेष बात यह है कि यह प्रसिद्ध हॉलीवुड फिल्म “Pirates Of The Caribbean” के सेट जैसा दिखता है। इस चर्च की सजावट में मानव की खोपड़ी से लेकर उंगलियों तक का इस्तेमाल किया गया है। बता दें कि चेक-गणराज्य, यूरोप महाद्वीप में स्थित एक देश है। इसकी उत्तर पूर्वी सीमा पर पोलैन्ड, पश्चिमी सीमा पर जर्मनी, दक्षिण में ऑस्ट्रिया और पूर्व में स्लोवाकिया है। यहां वैसे तो कई चर्च हैं, लेकिन रोमन कैथोलिक चर्च ‘सेडलेक औसुएरी’ अपनी खास सजावट की वजह से आकर्षण का केंद्र बना है। जहां पहुँचकर कइयों पर्यटकों को सुकून तो वहीं अनगनित को डर का असली एहसास होता है।

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