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कोरोना: मुफ़्त में ऑक्सीजन सिलेंडर देने के लिए बंदे ने अपनी 22 लाख की कार बेच दी, जाने क्यों?

कोरोना वायरस की दूसरी लहर में एक साथ बहुत से मरीज सामने आ रहे हैं। ऐसे में अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे। यदि ये मिल भी जाए तो समय पर ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। पूरे देश में ऑक्सीजन की कमी सी हो गई है। इस बीच मुंबई (Mumbai) की मुफ्त ऑक्सीजन आपूर्ति (free oxygen supply) योजना कई लोगों को नया जीवन देने का काम कर रही है।

इस योजना को शाहनवाज़ शेख (Shahnawaz Shaikh) ने पिछले साल कोरोना की पहली लहर में शुरू किया था। योजना शुरू करने के लिए उन्होंने अपनी 22 लाख की एसयूवी गाड़ी बेच दी थी। वे आज भी अपनी योजना से कोरोना पीड़ितों की मदद कर रहे हैं। उनका एकता और सम्मान फाउंडेशन (Unity & Dignity Foundation) भी है। अपनी मदद के बाद वे मलाड में मालवणी की संकीर्ण गलियों में हीरो बने हुए हैं। उनके काम की सोशल मीडिया पर तारीफ हो रही है।

पिछले साल भी उनकी कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। उन्होंने तब अपनी फोर्ड एंडेवर बेच दी थी। इससे जो भी पैसे मिले उसका इस्तेमाल उन्होंने जरूरतमंद लोगों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदने में किया। बीते वर्ष उनकी योजना ने 5,000 से 6,000 तक ऑक्सीजन सिलिंडर लोगों को मुहैया कराए थे। वे बताते हैं कि बीते साल हमे ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए 50 कॉल आते थे लेकिन इस साल 500 से 600 आ रहे हैं।

कोरोना से पीड़ित लोगों को मुफ्त में ऑक्सीजन की आपूर्ति करने की उनकी पहल बीते साल अपने दोस्त के चचेरे भाई की कोविड -19 से मृत्यु के बाद शुरू हुई। शहनवाज को जब पता चला कि उनकी मौत ऑक्सीजन न मिलने की वजह से हुई थी तो उन्होंने कोविड रोगियों की हेल्प के लिए कुछ करने की ठानी। इसके लिए उन्होंने अपनी गाड़ी बेच दवाइयां और ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदे। उन्होंने सोचा कि कार तो बाद में फिर से भी खरीदी जा सकती है लेकिन अभी लोगों की हेल्प करना जरूरी है।

शहनवाज ने अपनी गाड़ी के साथ साथ कुछ अन्य चीजें भी बेची है। उनके इस काम की सोशल मीडिया पर बहुत तारीफ हो रही है। आईएएस अवनीष शरण ने उनकी तारीफ करते हुए लिखा ‘ह्यूज रिस्पेक्ट’।

वहीं आईएफएस अधिकारी सुधा रमेन ने कहा श्री शहनवाज़ शेख और उनकी टीम के लोग असली हीरो हैं।

उम्मीद करते हैं कि लोग इनसे प्रेरणा लेंगे और जरूरतमंदों की मदद को आगे आएंगे।

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