दिलचस्प

इस महिला को पसंद है दाढ़ी मुछ रखना, रेजर और हेयर रिमूवर को छूती भी नहीं, बताई दिलचस्प वजह

मर्दों के चेहरे पर दाढ़ी मुछ का उगना बहुत आम बात है। इसमें पुरुष हैन्डसम लगते हैं। वहीं महिलाओं के चेहरे पर यदि थोड़े से भी बाल आ जाए तो वे हेयर रिमूवर या रेजर का सहारा लेकर इन अनचाहे बालों को हटवा देती है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी महिला से मिलाने जा रहे हैं जिसने अपने चेहरे पर उग आ दाढ़ी मुछ को हटाने की बजाय बढ़ने दिया।

क्लाइड वॉरेन (Klyde Warren) नाम की यह महिला अमेरिका के नेबरास्का में रहती है। वे जब 15 साल की थी तब उनके चेहरे पर बाल आना शुरू हो गए थे। ये कोई रोयें नहीं थे, बल्कि असली बाल थे। इनके आने पर क्लाइड ने निर्णय लिया कि वे प्रकृति के इस नियम के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करेंगी। ये जैसे हैं उन्हें वैसा ही रहने और बढ़ने देंगी।

क्लाइड के इस निर्णय का उनकी ज़िंदगी पर बहुत ही बड़ा असर पड़ा। लोग उन्हें चेहरे के बालों के कारण भद्दे कमेंट्स करने लगे। वे जहां भी जाती लोग उन्हें घूरते जाते थे। यहां तक कि डेटिंग एप्स पर भी उनका मजाक उड़ाया जाता था। लोग मुंह के ऊपर ही उनकी बदसूरती को लेकर भद्दे कमेंट कर देते थे। हालांकि इन सबके बावजूद क्लाइड टूटी नहीं। बल्कि वे एक मजबूत महिला बनकर उभरी। आज वे पूरी दुनिया में अपनी मजबूत इच्छाशक्ति की वजह से सुर्खियों में हैं।

क्लाइड वॉरेन बताती हैं कि मुझे मेरे चेहरे के बालों के चलते बहुत ताने सुनने पड़े। आलम ये था कि लोग मेरे पास बैठना तक पसंद नहीं करते थे। हालांकि समय बीतता चल गया और 27 साल की क्लाइड वॉरेन और भी मजबूत हो गई। उनका फैसला आज भी वैसा ही है। वे अपने चेहरे के बालों को नहीं हटाना चाहती हैं। वे इसे कुदरत का दिया तोहफा समझती हैं।

क्लाइड वॉरेन का एक पार्टनर भी है जो उन्हें सपोर्ट करता है। उसने क्लाइड से कहा था कि तुम्हारी जिद तुम्हें स्ट्रॉंग बनाएगी। और ऐसा हुआ भी। क्लाइड वर्तमान में एक मजबूत महिला है। वे लेखिका बनना चाहती थी। हालांकि फिलहाल फ्रीलांस पत्रकारिता कर रही हैं।

क्लाइड वॉरेन की इस कंडीशन की वजह हिर्सूटिज्म (Hirsutism) नमक एक बीमारी है। इसमें महिलाओं के चेहरे, घुटने, पेट, छाती, पीठ और जांघ इत्यादि जगहों पर बाल उग आते हैं। हिर्सूटिज्म एक हार्मोनल प्रॉब्लम (Hormonal problem) की वजह से होता है। इससे बॉडी में एंड्रोजेंस नामक हॉर्मोन का लेवल बढ़ जाता है। इससे पॉलिसिस्टिक ओवेसी सिंड्रोम हो जाता है। वैसे इसका इलाज हो सकता है।

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