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लगभग 8 दश्क बाद गांव पहुंची ट्रेन तो लोगों ने किया भव्य स्वागत, सन् 1934 में टूट गया था संपर्क

बिहार के कोसी के एक इलाके के लोग लगभग 90 सालों से अपने यहां ट्रेन के आने का इंतजार कर रहे थे। इन लोगों का इतने सालों का इंतजार अब जाकर पूरा हुआ है। दरअसल 90 साल पहले यहां पर ट्रेन आया करती थी। लेकिन अचानक से रेलवे का संपर्क यहां से टूट गया और सुपौल जिले के कई गांव रेल सुविधा से वंचित हो गए। यहां के लोग पिछले 8 दशकों से ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। वहीं अब जाकर इन लोगों ने अपने इलाके में ट्रेन देखी है।

दरअसल कोसी नदी पर रेल का पुल साल 1887 में बनाया गया था। लेकिन साल 1934 में भूकंप आने के कारण ये पुल टूट गया था। साल 1934 से निर्मली गांव पूर्व बिहार के रेल रूट से अलग हो गया था। इस रूट पर रेल परिचालन बंद हो गया। साथ ही उत्तर और पूर्व बिहार के बीच का रेल संपर्क टूट गया था। सरकार की ओर से दोनों इलाकों के बीच रेल संपर्क तो बनाया गया। लेकिन कोसी नदी पर पुल निर्माण का कार्य लंबे समय से अटका हुआ था। जो कि साल 2020 में पूरा हुआ है और अब इस कोसी नदी पर रेल पुल बनकर तैयार हो गया है। जिसके साथ ही सुपौल-निर्मली के बीच रेल सेवा बहाल हो गई है।

शनिवार को जब लंबे दश्क बाद एक ट्रेन निर्मली पहुंची तो गांववालों ने काफी उत्साह के साथ इस रेल का स्वागत किया। इस दौरान गांव के लोग काफी खुश दिखे और भारी मात्रा में लोग रेलवे स्टेशन आए। हर किसी ने बैंड बाजों के साथ ट्रेन का स्वागत किया और काफी जोश के साथ डांस भी किया।

निर्मली-सुपौल रेल मार्ग पर शनिवार को रेलगाड़ी का ट्रायल रन था। जैसे ही जीएम स्पेशल ट्रेन निर्मली स्टेशन पहुंची तो लोग ने बैंड बाजों को शुरू किया और नाचे लगें। इस दृश्य को देखकर पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक ललित चन्द्र त्रिवेदी काफी भावुक नजर आए और उन्होंने अपने दिल की बात करते हुए कहा कि यहां के लोग ये नाजारा देखकर काफी खुश है।  वहीं जब इनसे पूछा गया कि आखिर कब तक यहां पर आम लोगों के लिए ट्रेन सेवा शुरू हो जाएगी। इस पर इन्होंने कहा कि मानसून से पहले जून महीने तक निर्मली से सुपौल के बीच पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। इस रेलमार्ग पर गुड्स ट्रेनें जल्द ही दौड़ने लगेंगी।

यहां पर ट्रेन यात्रा शुरू होने से मिथिलांचल और कोशी क्षेत्र में रहने वालों को सबसे ज्यादा फायेदा मिला है। ट्रेन की वजह से जहां मधुबनी-दरभंगा से सुपौल होते हुए पूर्व बिहार जाना आसान हो जाएगा। निर्मली से सुपौल जाने के लिए लोगों को 272 किमी का सफर करना पड़ता था, जो कि ट्रेन सेवा शुरू होने से महज 44 किलो मिनट रहे गया है।

इस खास दिन के बारे में जब स्पेशल ट्रेन की लोकोपायलेट संयुक्ता कुमारी से बात की गई। तो उन्होंने कहा कि इस यादगार सफर के लिए रेलवे विभाग ने उन्हें चुना यह उनका सौभाग्य है।

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