राजनीति

राकेश टिकैत ने बंगाल पहुंच बढ़ाई BJP की मुश्किलें, दीदी के समर्थन में लोगों से कहा BJP को वोट ..

पश्चिम बंगाल में चुनावों की सरगर्मी तेज़ है. यहाँ बीजेपी ममता दीदी का किला भेदने की पूरी तैयारी में हैं. ममता दीदी भी अपने किले को बचाने के लिए पूरा जोर लगा रही है. जहां बीजेपी ने TMC के पुराने नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है. वहीं दीदी भी BJP के ऊपर लगातार कड़वे कटाक्ष किये जा रही है. अब चुनावी दंगल और भी ज्यादा इंट्रेस्टिंग हो चुका है.

ममता बनर्जी ने कुछ दिनों पहले ही बंगाल की सबसे बड़ी सीट नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का एलान किया है. इस सीट से उनके सामने TMC से बीजेपी में शामिल हुए शुवेंदु अधिकारी की चुनौती होगी. इसी बीच इस चुनाव में ट्विस्ट आया है. भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत बंगाल चुनाव में एंट्री ले रहे हैं. उन्होंने कहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा नंदीग्राम के मतदाताओं से विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का बहिष्कार करें.

गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है. इसी के चलते उन्होंने कोलकाता में एक दिन पहले ‘महापंचायत’ का आयोजन किया था. टिकैत ने मीडिया से कहा कि, हम नंदीग्राम लोगों को यह बताने जा रहे कि सरकार ने किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलें खरीदना बंद कर दिया है. इसके साथ ही हम लोगों को BJP को वोट नहीं देने की अपील करेंगे.

ऐसे में राकेश टिकैत के इस कदम से सवाल उठ रहा है कि आखिर वह चाहते क्या है. क्या वह सिर्फ बीजेपी को इस चुनाव में हराना चाहते हैं? क्या उनकी इस अपील के कारण BJP को फायदा नहीं होगा. नंदीग्राम में ममता बनर्जी और उनकी कैबिनेट में मंत्री रहे शुवेंदु अधिकारी के बीच जबरदस्त मुकाबला है. इससे पहले शुवेंदु अधिकारी ने अपने एक बयान में कहा था कि, नंदीग्राम से भाजपा ममता बनर्जी को 50,000 से अधिक मतों से हराएगी.

आपको बता दें कि किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख राकेश टिकैत जब महापंचायत का हिस्सा बनने के लिए बंगाल पहुंचे तो तृणमूल कांग्रेस की सांसद डोला सेन ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया था. इसके बाद राकेश टिकैत ने वहां मौजूद किसानों को सम्बोधित किया था. इस दौरान टिकैत ने किसानों से कहा कि, भाजपा की केंद्र अगुवाई वाली सरकार किसानों और उनके आंदोलन की रीढ़ तोड़ने पर तुली हुई है. टिकैत ने आगे किसानों को भड़काते हुए कहा कि बीजेपी को वोट मत देना. अगर उन्हें वोट दिया तो वह चुनाव जीतकर आपकी जमीं बड़े कॉर्पोरेट्स और उद्योगों को थमा देंगे.

गौरतलब है कि देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का जमावड़ा लगा है. इन किसानों को यहाँ बैठे बैठे लगभग 3 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है. इस दौरान किसानों ने देश को शर्मसार करने वाली घटना को 26 जनवरी के दिन अंजाम दिया था. हालांकि किसान इस घटना से अपना पल्ला झाड़ते आए हैं.

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