अध्यात्म

आज महाशिवरात्रि के दिन इस समय के दौरान करें शिवजी की पूजा, पूरी हो जाएगी हर कामना

आज महाशिवरात्रि का पर्व है और इस पर्व को धूमधाम से मनाया जा रहा है। मंदिरों में लोग जाकर पूजा कर रहे हैं और भोलेनाथ को प्रसन्न करने में लगे हुए हैं। आज के दिन आप भी भोलेनाथ की पूजा जरूर करें। ज्योतिष में महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा के लिए निशित काल को श्रेष्ठ माना जाता है। इसलिए हो सके तो इस काल के दौरान ही पूजन करें। दरअसल भगवान शिव की पूजा चारों प्रहर में कर सकते हैं। लेकिन इनमें से निशित काल को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। हालांकि निशित काल क्या होता है और ये कब से शुरू होगा। इसके बारे में लोगों को कम जानकारी है।

क्या होता है निशित काल

निशित रात्रि एक कल्पित पुत्र का नाम है। जिसका अर्थ होता है तीक्ष्ण रात्रि। शिवरात्रि पर रात्रि के समय महादेव की पूजा करने के लिए निशित काल सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। पौराणिक मान्यताएं कहती हैं कि जब भगवान शिव शिवलिंग के रूप में पृथ्वी पर प्रकट हुए थे। उस समय ही काल चल रहा था। जिसके कारण शिव जी के मंदिरों में लिंगोद्भव पूजा का अनुष्ठान इसी समय में किया जाता है।

कब है महाशिवरात्रि तिथि का आरंभ

फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष चतुर्दशी के दिन ये पर्व आता है। इस पर्व का आरंभ 11 मार्च 2021 दिन गुरूवार को दोपहर 02 बजकर 39 मिनट से शुरू हो जाएगा। जो कि फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष चतुर्दसी 12 मार्च 2021 दिन शुक्रवार को दोपहर 03 बजकर 02 मिनट पर खत्म होगा। यानी महाशिवरात्रि का पर्व 11 मार्च को मनाया जाएगा।

चारों प्रहर की पूजा का मुहूर्त

निशित काल पूजा का समय 11 मार्च को रात्रि में 12 बजकर 06 मिनट से आरंभ हो जाएगा। जो कि रात्रि 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। प्रथम प्रहर पूजा समय का समय 11 मार्च को संध्या समय 06 बजकर 27 मिनट से लेकर 09 बजकर 29 मिनट तक है। द्वितीय प्रहर पूजा समय 11 मार्च को रात्रि 09 बजकर 29 मिनट से लेकर 12 बजकर 31 मिनट तक है। तृतीय प्रहर पूजा समय 11 मार्च रात्रि 12 बजकर 31 मिनट से 12 मार्च को प्रातः अंधेरे 03 बजकर 32 मिनट तक होगा। चतुर्थ प्रहर पूजा समय समय 12 मार्च के प्रात:काल 03 बजकर 32 मिनट से सुबह 06 बजकर 34 मिनट तक।

इस तरह से करें पूजा

हो सके तो निशित काल के दौरान भोलेनाथ की पूजा जरूर करें। पूजा करते समय उन्हें उनकी पसंद की चीजें जैसे बेलपत्र अर्पित करें। भोलेनाथ का अभिषेक भी करें और इनसे जुड़े मंत्रों का जाप करें।

शिवलिंग पर अक्षत यानी चावल चढ़ाना शुभ माना जाता है। लेकिन ये अक्षत टूटा न हो। माना जाता है कि अक्षत चढ़ाने से आर्थिक स्थिति मजबूत बन जाती है। जबकि पके हुए चावल चढ़ाने से मंगल दोष दूर हो जाता है। इसके अलावा जिन लोगों का विवाह नहीं हो रहा है व शिव जी के साथ गौरी मां की पूजा कर लें। ये उपाय करने से एक साल के अंदर ही विवाह हो जाएगा।

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