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तमिलनाडु के किसानों का धरना-प्रदर्शन है मोदी सरकार के खिलाफ एक बड़ी साजिश, ये रहे सबूत!

नई दिल्ली – तमिलनाडु के किसानों ने भुखमरी की स्थिति और अपमानजनक हालात से निपटने से मदद के लिए केन्द्र सरकार से गुहार लगाई और दिल्ली में पूरे देश के सामने अजब अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया। ये किसान पिछले लगभग एक महीने से अपनी मांगों को लेकर जंतर मंतर पर धरना दे रहे थे। रविवार को जब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री दिल्ली आए और उन्हें प्रशासन की तरफ से आश्वासन मिला तब उन्होंने अपना धरना स्थगित कर दिया और वापस जाने का फैसला किया है। इन किसानों ने लगभग 40 दिनों तक भूखे प्यासे रहकर प्रदर्शन किया। जिसके दौरान ऐसी तस्वीरें सामने आईं जिन्होंने देशभर को किसानों की स्थिती के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया। ये किसान कभी नर खोपड़ियों के साथ धरना देते तो कभी अपना ही मूत्र पीते दिखे। Tamilnadu farmers strike fake.

किसानों ने पेशाब पीकर जताया था विरोध –

इस धरना-प्रदर्शन के दौरान जो तस्वीरें सामने आईं वो वाकई बिल्कुल अलग थीं। ये तस्वीरें ऐसी थीं कि किसी का भी दिल भर आए। इससे पहले हजारों बार देश में किसानों ने सरकार का ध्यान खींचने के लिए प्रदर्शन किए होंगे। लेकिन, यह प्रदर्शन अपने आप में अनोखा था, जिसने पूरे देश के साथ दुनिया के लोगों का ध्यान अपने तरफ खींचा।

तमिलनाडु के इन किसानों ने सरकार का ध्यान खींचने के लिए मूत्र तक पीया। लगभग 40 दिनों तक चले इस  धरना-प्रदर्शन में तमिलनाडु के किसान अपनी आधी मूंछ और सिर मुंडवाते और अपने मुंह में सांप और चूहा लेकर प्रदर्शन करते दिखे। वे नकली दाह संस्कार भी करते दिखे, खुद को कोड़े मारते और कर्ज के दबाव के कारण खुदकुशी करते भी दिखे और किसानों की प्रतीकात्मक खोपड़ी लेकर प्रदर्शन किया।

प्लान्ड था किसानों का धरना-प्रदर्शन –

अब जबकि इन किसानों का धरना-प्रदर्शन कुछ समय के लिए टल गया है, सोशल मीडिया पर ऐसे सबूत पेश किए जा रहे हैं, जो इस धरना-प्रदर्शन की कुछ अलग ही सच्चाई दिखा रहे हैं। दरअसल, सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि ये तस्वीरें नकली थीं। इस बात के भी सबूत पेश किए गए हैं कि तस्वीरों के अलावा किसानों का यह विरोध-प्रदर्शन भी नकली और प्रायोजित था।

सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने ऐसी तस्वीरें पोस्ट की हैं जिनमें ये किसान खोपड़ियों के साथ खेत में फोटोशूट करवाते दिख रहे हैं। हालांकि, इन तस्वीरों की वास्तविकता की पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन, इन तस्वीरों के वायरल होने से इस किसान आंदोलन पर उंगली उठनी शुरू हो गई है। इन तस्वीरों को शेयर करते हुए लोगों ने लिखा है कि तस्वीर में जो किसान दिख रहे हैं उनमें से एक वामपंथी नेता है।

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