राजनीति

बसपा सुप्रीमों मायावती ने दिए बीजेपी में शामिल होने के संकेत ? जानें उन्होंने ऐसा क्या किया

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने संत रविदास जयंती के अवसर पर उनके करोड़ों अनुयाईयों को बधाई दी. इस मौके पर पूर्व सीएम ने कहा कि . ’मन चंगा तो कठौती में गंगा’ का अमर मानवतावादी संदेश देने वाले महान संतगुरु रविदास जी की जयन्ती पर उन्हें शत्-शत् नमन व देश व दुनिया में रहने वाले उनके करोड़ों अनुयाईयों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं. संतगुरु ने अपना सारा जीवन आदमी को इन्सान बनाने के प्रयास में गुज़ारा.

मायावती ने जनता से कहा कि अगर वह दोबारा से सत्ता में आती है तो भदोही जिले का नाम फिर से संत रविदास नगर के देंगी. सपा सरकार ने जातिवादी मानसिकता के चलते इस शहर का पुराना नाम बदल कर रख दिया था. इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी. कांग्रेस और अन्य दलों पर दलित, आदिवासी व अन्य पिछड़े वर्ग के महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों के नाम पर सियासी लाभ लेने का आरोप भी मंडा है.

बसपा ने संत रविदास के सपनों को साकार करने का काम किया
इससे पहले मायावती ने संत रविदास जयंती पर उनके अनुयायियों को बधाई देते हुए कहा था , बीएसपी की यूपी में चार बार बनी सरकार में संतगुरु रविदासजी के सपनों को साकार करने का भरसक प्रयास हुआ व उनके सम्मान में जो जनहित व जनकल्याण का काम यहाँ किया गया वह किसी से छिपा नहीं है. केन्द्र व राज्य सरकारें उनके बताए रास्ते पर चलकर समाज व देश का भला करें तो यह उचित होगा.


केंद्र सरकार पर भी साधा निशाना
इससे पहल मायावती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ट्ववीट किया था, देश में पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस जैसी जरूरी वस्तुओं की कीमतों में अनावश्यक ही अनवरत वृद्धि करके कोरोना प्रकोप, बेरोजगारी व महंगाई आदि से त्रस्त जनता को सताना सर्वथा गलत व अनुचित. इस जानलेवा कर वृद्धि के माध्यम से जनकल्याण के लिए धन जुटाए जाने का सरकार का तर्क कतई उचित नहीं.


गौरतलब है कि कांग्रेस महासचिव व उत्‍तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा वाराणसी में शिरोमणि संत रविदास मंदिर में दर्शन पूजन के बाद सत्‍संग में शामिल हुईं थी. यूपी में बहुत जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले है ऐसे में वहा हर पार्टी अपनी मौजूदगी जताने में जुटी हुई है. बीजेपी से लेकर कांग्रेस और सपा से लेकर बसपा. इन चारों ही पार्टियों के बीच जोरदार मुकाबला होने वाला है. खेर ये तो चुनाव परिणाम ही बताएँगे की यूपी में किसका राज़ चलने वाला है.

ज्ञात हो कि यूपी में नाम बदलने की राजनीति सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुरू की थी. उन्होंने अभी तक कई शहरों और गावों के नाम बदल दिए है. उन्ही की राह पर चलते हुए मध्यप्रदेश के सीएम भी शहरों के नाम बदल रहे है. अब मायावती भी चुनाव जीतने के लिए नाम राजनीति में प्रवेश कर चुकी है.

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