राजनीति

राकेश टिकैत के बड़े भाई नरेश टिकैत के बिगड़े बोल, राजनाथ सिंह को पिंजरे का तोता कहा और..

देश की राजधानी दिल्ली में किसान आंदोलन को चलते चलते लगभग 3 महीने होने आ गए है. किसान केंद्र सरकार द्वारा लाय गए कृषि बिल का विरोध करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए है. इस आंदोलन में बड़ा बदलाव यह देखने को मिल रहा है कि समय बीतने के साथ-साथ यहाँ से किसानों की भीड़ भी कम होते जा रही है. इसका सबसे बड़ा कारण यह हो सकता है कि इस आंदोलन के दौरान भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और नेता राकेश टिकैत अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने लगे थे.

राकेश टिकैत ने इस दौरान सरकार के खिलाफ खूब बयानबाजी की. आखिर कार धीरे-धीरे उनके भी धागे खुलते गए और किसान दिल्ली से दूर होने लगे. वहीं अब किसान यूनियन के अध्यक्ष और राकेश टिकैत के बड़े भाई नरेश टिकैत ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में आयोजित किसान महापंचायत मेंकहा कि केंद्र सरकार ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पिंजरे का तोता बनाकर रखा हुआ है. अगर सरकार उन्हें आजाद कर किसानों के साथ बात करने का मौका दे तो किसान आंदोलन का समाधान तुरंत हो सकता है. उन्होंने केंद्र की सरकार को जिद्दी भी बताया.

इसी बीच किसानों के मुद्दे को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि कृषि कानूनों पर किसानों से मुद्दे को ख़त्म करने के लिए सरकार के दरवाजे आज भी खुले हुए हैं. कृषि मंत्री ने कहा कि, ‘किसानों से इस बारे में कई बार बात हो चुकी है. इसके बाद भी अगर उनका कोई बिंदु है तो हम बात करने के लिए तैयार हैं. नरेंद्र सिंह तोमर ने यह बात एक इवेंट के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान कही.’

इस दौरान तोमर ने कहा कि सरकार लगातार किसानों की भलाई के लिए काम कर रही है. उनेक मुताबिक देश भर के किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना का फायदा 10 करोड़ किसानों को अब तक मिल चुका है. अब तक किसानों की सालाना आय करीब 6000 रुपए बढ़ चुकी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आय दो गुनी करने में लगी हुई है और निरंतर उनकी भलाई के बारे में सोच रही है.

गौरतलब है कि नरेंद्र सिंह तोमर का ये बयान ऐसे समय में आया है जब किसान नेता लगातार आंदोलन तेज करने की रणनीति पर काम कर रहे है. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मंगलवार को अपने एक बयान में कहा था कि, सरकार पर कृषि कानूनों को वापस लेने का दबाव बनाने के लिए 40 लाख ट्रैक्टरों के साथ संसद मार्च की योजना बन रही है. टिकैत ने यह भी कहा कि इसके पहले सरकार को इस बारे में सुचना दे दी जायेगी.

ज्ञात हो कि किसानों ने इससे पहले भी ट्रैक्टर रैली 26 जनवरी को निकाली थी. इस दौरान किसानों के कई ग्रुप ने देश को शर्मसार करने वाला काम किया था. किसानों ने न सिर्फ दिल्ली पुलिस को मारा बल्कि देश की प्राचीनतम ईमारत लाल किले की प्राचीर पर धार्मिक झंडा भी लहराया था. इसके बाद राकेश टिकैत ने इसका जिम्मा भी सरकार के माथे फोड़ दिया था. इस मामले में सरकार ने दीप सिद्धू सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया है.

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