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‘दानवीर खय्याम’ : अपनी करोड़ों रुपये की संपत्ति दान कर दुनिया से विदा हुआ था यह महान संगीतकार

हिंदी सिनेमा के बेहद मशहूर म्यूजिक डायरेक्टर रहे मोहम्मद जहूर खय्याम की आज 94वीं जयंती है. खय्याम ने संगीत की दुनिया में बहुत नाम कमाया है. आज भी उनका नाम इंडस्ट्री में बड़े आदर के साथ लिया जाता है. अपने संगीत से खय्याम ने कई गानों को हिट बनाने का काम किया है. वे अपने समय के हर बड़े कलाकार के साथ काम कर चुके थे. आइए आज उनकी 94 वीं जयंती के अवसर पर आपको उनसे जुड़ी कुछ ख़ास बातें बताते हैं…

साल 1927 में पंजाब के रोहन में खय्याम का जन्म हुआ था. खय्याम को मशहूर पंजाबी संगीतकार बाबा चिश्ती से संगीत की शिक्षा प्राप्त हुई थी. बताया जाता है कि, फौजी रहते हुए खय्याम संगीत की दुनिया में करियर बनाना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने पाकिस्तान के लाहौर का रुख किया था. इसके बाद वे बाबा चिश्ती से मिले थे.

बता दें कि, भारत की आजादी के अगले ही साल खय्याम को फिल्म इंडस्ट्री में काम करने का मौका मिल गया था. साल 1948 में फिल्म हीर रांझा में उन्होंने काम किया था. अपने करियर में खय्याम ने उमराव जान, कभी-कभी और बाजार जैसी फिल्मों में अपने शानदार संगीत के लिए ख़ूब शोहरत हासिल की है.

खय्याम ने अपने समय के बड़े से बड़े दिग्गज़ गायक जैसे कि लता मंगेशकर, मोहम्मद रफ़ी, आशा भोसले, मुकेश और मशहूर शायर-गीतकार साहिर लुधियानवी के साथ भी शानदार काम किया. भारत सरकार की ओर से खय्याम पद्म भूषण से भी नवाजे जा चुके थे, वहीं तीन बार फिल्‍मफेयर अवॉर्ड पर वे कब्ज़ा जमाने में सफल रहे. उन्हें ये अवॉर्ड साल 1977 में फिल्म कभी कभी, साल 1982 में आई फिल्म उमराव जान के लिए मिले थे. वहीं 2010 में उन्‍हें फिल्‍मफेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया था.

दान कर दी 12 करोड़ रुपये की संपत्ति…

खय्याम एक महान संगीत निर्देशक होने के साथ ही एक शानदार व्यक्तित्व के धनी भी थे. खय्याम और उनकी गायिका पत्नी जगजीत कौर ने जरूरतमंद और उभरते संगीतकारों के लिए एक ट्रस्ट बनाया था. जिसका नाम ‘खय्याम प्रदीप जगजीत चैरिटेबल ट्रस्ट रखा था. साल 2016 में खय्याम ने अपने 90वें जन्मदिन के अवसर पर अपनी पूरी 12 करोड़ रुपये की संपत्ति दान कर दी थी.

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