अध्यात्म

11 फरवरी मौनी अमावस्या के दिन बस कर दें ये काम, पितृदोष से तुरंत मिल जाएगी मुक्ति

कल यानी 11 फरवरी को मौनी अमावस्या है और इस दिन स्नान, दान और पुण्य करना बेहद ही लाभकारी माना जाता है। इतना ही नहीं मौनी अमावस्या के दिन पितृ पूजन करने से पितरों को शांति मिलती है। पुराणों के अनुसार इसी दिन से द्वापर युग भी शुरू हुआ था। जिससे इसका महत्व ओर बढ़ जाता है। मौनी अमावस्या के दिन कई लोग व्रत भी रखते हैं व मौन धारण करते हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन मौन धारण करने से मनचाही चीज मिल जाती है और विशेष ऊर्जा की प्राप्ति होती है। जो लोग मौनी अमावस्या का व्रत रखते हैं। उनके जीवन से दुख, दरिद्रता दूर हो जाती है। इसलिए आप मौनी अमावस्या के दिन व्रत जरूर रखें।

माघ अमावस्या 2021 शुभ मुहूर्त-

मौनी अमावस्या को माघ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस साल ये 11 फरवरी को आ रही है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार मौनी अमावस्या 01:10:48 से आरम्भ हो जाएगी। जो कि अगले दिन फरवरी 12, 2021 को 00:37:12 पर समाप्त होगी। इस साल मौनी अमावस्या के दिन श्रवण नक्षत्र में चंद्रमा और छह ग्रह मकर राशि में होंगे। जिससे महासंयोग बन रहा है। इस शुभ संयोग को महोदय योग कहा जाता हैं। मान्यता है कि महोदय योग में कुंभ मेले में डुबकी और पितरों का पूजन करने से मनचाही चीज की प्राप्ति होती है। साथ में ही व्रत रखना भी लाभकारी होता है।

शास्त्रों के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन गंगा नदी में स्नान करना शुभ फल देता है। जो लोग इस दिन सुबह गंगा नदी का स्नान करते हैं। उन्हें पापों से मुक्ति मिल जाती है। मान्यता है कि पवित्र नदी में स्नान करने से दैहिक (शारीरिक), भौतिक (अनजाने में किया गया पाप), दैविक (ग्रहों, गोचरों का दुर्योग) पाप से मुक्ति मिल जाती है।

इस दिन सभी देवी-देवता गंगा में वास भी करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार माघ अमावस्या के दिन संगट तट और गंगा पर देवी-देवताओं भी आते हैं। जिसकी वजह से इन नदियों में स्नान करने से भगवान की कृपा भी बन जाती है। हालांकि अगर आप पवित्र नदी में जाकर स्नान नहीं कर सकते हैं, तो घर में ही नहाने के पानी में गंगा जल की कुछ बूंदे मिलाकर इस पानी से नहा लें।

जरूर करें दान

इस दिन नहाने के बाद दान करने का भी काफी महत्व है। दान और पुण्य करने से ग्रह शांत हो जाते हैं और आपके अनुकूल बनें रहते हैं। इस दिन तेल, काले तिल, सूखी लकड़ी, कपड़े, गर्म वस्त्र, कंबल और जूते दान करने से शनि ग्रह शांत हो जाता है। वहीं जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा नीच का होता है। उन्हें दूध, चावल, खीर, मिश्री और बताशा दान करने की सलाह दी जाती है। बुध ग्रह भारी होने पर हरी चीज का दान करें। मंगल ग्रह भारी होने पर इस दिन लाल चीज का दान करें और शिव जी पूजा करें।

अगर आप व्रत रखते हैं तो नीचे बताए गए नियमों का पालन जरूर करें।

मौनी अमावस्या नियम

– मौनी अमावस्या के दिन सुबह पवित्र नदी में स्नान करें। आप सरोवर या पवित्र कुंड में भी स्नान कर सकते हैं।

– स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य जरूर दें। उसके बाद पूजा करें। पूजा करते हुए व्रत रखने का संकल्प लें। अगर आप चाहें तो मौन व्रत भी रख सकते हैं।

– इसके बाद गरीबी लोगों को चीजों का दान करें। इस दिन अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी और गौ शाला में गाय को भोजन करवाना अच्छा माना जाता है।

– अमावस्या के दिन गौ दान, स्वर्ण दान या भूमि दान भी कर सकते हैं।

– माघ अमावस्या पर पितरों की पूजा भी करें। इस दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

– जिन लोगों पर पितृदोष है वो लोग इस दिन पितरों की पूजा करें। काले कुत्ते को रोटी खिलाएं। ऐसा करने से पितृदोष खत्म हो जाएगा।

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