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पति को तलाक देकर चित्रा ने जगजीत सिंह से रचाई शादी, ज़िंदगी भर तरसे एक लड़के के लिए

जब भी ग़ज़ल गायकों की बात होती है तो जगजीत सिंह का नाम सबसे पहले ज़ुबान पर आता है. 8 फरवरी 1941 को इस महान ग़ज़ल गायक का जन्मदिन होता है. आज ही के दिन जगजीत सिंह राजस्थान के गंगानगर में जन्में थे. आज उनकी 80वीं जयंती है. आइए आज जगजीत सिंह की 80 वीं जयंती के अवसर पर आपको उनसे जुड़ी कुछ ख़ास बातों से अवगत कराते हैं…

जगजीत सिंह ग़ज़ल गायन की दुनिया में सबसे बड़े नामा के रूप में देखें जाते हैं. उन्होंने 150 से भी ज्यादा एलबम बनाए हैं. आज वे हमारे बीच तो नहीं है, लेकिन अपनी गजलों के डीएम पर वे करोड़ों दिलों में ज़िंदा है. उनकी आवाज का जादू हर किसी के सर चढ़कर बोलता है. जगजीत सिंह ने फिल्मों के लिए भी गाने गाए, लेकिन उन्हें गजल और नज्म गायन के चलते ही उन्होंने फैंस के दिलों पर राज किया.

गौरतलब है कि, जगजीत सिंह का असली नाम जगजीवन सिंह था. बाद में उन्होंने अपने नाम में बदलाव कर लिया था. शैक्षणिक योग्यता की बात की जाए तो उनकी पढ़ाई पंजाब के जालंधर से पूरी हुई है. 20 साल की उम्र में जगजीत सिंह ने 1961 में अपने करियर की शुरुआत की थी. वे उस दौरान ऑल इंडिया रेडियो में गाने गाया करते थे.

बताया जाता है कि, जगजीत सिंह ने अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत में पंडित छगन लाल शर्मा और उस्ताद जमाल खान से शिक्षा ली थी. उम्र करीब 24 साल की होने तक जगजीत सिंह ने मुंबई का रूख कर लिया था. वे अपने परिवार को बिना बताए साल 1965 में संगीत में करियर बनाने के लिए वे ‘मायानगरी’ मुंबई आ गए थे.

जगजीत सिंह को एक बड़ा मुकाम पाने के लिए बहुत संघर्षों से गुजरना पड़ा है. एक लंबे स्ट्रगल के बाद हिंदी सिनेमा ने उनके लिए अपने दरवाजे खोले थे. मुंबई में आने के बाद जगजीत इधर-उधर काम की तलाश करते थे और ऐसे में साल 1967 में उनकी मुलाक़ात चित्रा दत्ता से हुई, जो आगे जाकर उनकी पत्नी भी बनी. ख़ास बात यह है कि, उस समय चित्रा पहले से ही शादीशुदा थी. मुंबई में चित्रा जहां रहती थी. वहां उनके घर के सामने वाले घर में अक्सर जगतीत आते रहते थे और ऐसे में दोनों पहली बार मिले.

चित्रा और जगजीत दोनों के बीच में बाद में मुलाकातों का सिलसिला शुरू हो गया और ऐसे में दोनों एक दूसरे के काफी करीब भी आ गए थे. बता दें कि, चित्रा और जागीत साथ में कॉन्सर्ट करते थे और दोनों अपने गायन से फैंस को मदहोश करते थे. बाद में शादीशुदा चित्रा दत्ता और जगजीत ने शादी करने का मन बना लिया. जगजीत संग सात फेरे लेने के लिए चित्रा ने अपने पति को तलाक देकर जगजीत संग साल 1969 में विवाह कर लिया.

जगजीत सिंह अपने कई एल्बम से खूब धूम मचाने में कामयाब रहे थे. साल 1980 आते-आते जगजीत सिंह ग़ज़ल गायन की दुनिया के बादशाह बन चुके थे. उन्होंने अपने निजी एलबमों में तो अपनी सुरीली आवाज का जलवा बिखेरा ही साथ ही उन्होंने ‘प्रेम गीत’, ‘अर्थ’, ‘जिस्म’, ‘तुम बिन’, ‘जॉगर्स पार्क’ जैसी फिल्मों के लिए भी गाने गाए.

उम्र भर रहा बेटे की मौत का सदमा…

जगजीत और चित्रा की ज़िंदगी के लिए वो पल बहुत बुरा था, जब महज 20 साल के उनके बेटे विवेक ने सड़क हादसे में दुनिया को अलविदा कह दिया था. इससे दोनों के जीवन में अंधेरा सा छा गया था. इस घटना के चलते जगजीत ने करीब एक साल तक कोई गाना नहीं गाया. वे जब तक जिए अपने बेटे की मौत के सदमे और गम के साथ जिए.

मिले ये ख़ास सम्मान…

ग़ज़ल गायन की दुनिया में जगजीत सिंह कितना बड़ा नाम थे, इस बात का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि, भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्मश्री और पद्मविभूषण जैसे महत्वपूर्ण और प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा गया था. हिंदी के साथ ही पंजाबी, बंगाली, गुजराती और नेपाली भाषाओं में गाना गाने वाले जगजीत सिंह ने 10 अक्टूबर 2011 को दुनिया से विदा हो गए थे.

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