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किसान नेताओं के भड़काऊ भाषण के कारण हुई हिंसा, आरोपियों को बख्शेंगे नहीं जाएगा- पुलिस कमिश्नर

किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने बुधवार को एक प्रेस वार्ता की और इस दौरान कई सारे खुलासे किए। दिल्ली पुलिस की ओर से की गई इस प्रेस वार्ता में बताया गया कि 25 जनवरी की रात को ही ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा करने की रणनीति बनाई गई थी। कई सारे किसान नेताओं ने भड़काऊ भाषण भी दिए थे और किसानों को हिंसा करने के लिए मजबूर किया गया था।

दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने शाम करीब सवा आठ बजे मीडिया से बात करते हुए इस हिंसा के लिए किसान नेताओं को जिम्मेदारा ठहराया। इन्होंने कहा कि किसान नेताओं ने वादा किया था कि वो शांतिपूर्ण व शर्तों के अनुसार ही ये रैली करेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इन्होंने वादा तोड़ा, भड़काऊ भाषण दिए और इसी वजह से हिंसा हुई। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हमारे पास वीडियो फुटेज और इंटेलिजेंस की जानकारियां हैं और सभी की जांच चल रही है। जो भी हिंसा का जिम्मेदार पाया गया, उसे बख्शेंगे नहीं जाएगा।

पुलिस कमिश्नर ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 26 जनवरी को देखते हुए हमने किसानों की ट्रैक्टर रैली के लिए कुछ नियम और शर्तें तय की थी। हमारी पहली शर्त थी कि किसान रैली 12 बजे शुरू होगी। जो कि शाम 5 बजे खत्म की जा सकती है। किसान लीडर ट्रैक्टर मार्च को लीड करेंगे और अगली पंक्ति में रहेंगे। ताकि जत्थे को कंट्रोल कर सकें। रैली में 5 हजार से ज्यादा ट्रैक्टर न होने की बात भी तय हुई थी। साथ में ही कोई भी हथियार, भाला, तलवार जैसी चीज साथ में नहीं लेने पर सहमति भी बनाई गई थी।

पुलिस कमिश्नर के अनुसार 5 राउंड की बैठक के बाद किसान नेताओं ने ये सभी शर्तें मंजूर की थीं। लेकिन 25 जनवरी की शाम हमें पता चला कि किसान अपने वादे से मुकर रहे हैं। रैली के दौरान उन्होंने उग्र लोगों को आगे कर दिया। स्टेज पर उन्होंने भड़काऊ भाषण दिए। सिंघु बॉर्डर पर 26 जनवरी की सुबह 8.30 बजे ही इन लोगों ने मार्च शुरू कर दिया। नेता सतनाम पन्नू ने भड़काऊ भाषण दिया। किसानों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए और दर्शन पाल ने भी तय रूट पर जाने से इंकार कर दिया।

श्रीवास्तव के अनुसार गाजीपुर से जो किसान निकले थे। उन्होंने अक्षरधाम पर बैरिकेड्स तोड़े और ये किसान लाल किले तक पहुंच गए। हिंसा के दौरान पुलिस ने संयम बरता। हमारे पास सभी ऑप्शन थे, लेकिन हमने संयम चुना।

आपको बता दें कि इस हिंसा के दौरान 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। कुछ पुलिसकर्मी ICU में भर्ती हैं। पुलिस की 828 बैरिकेड्स, 8 टायर किलर्स, 4 स्टील गेट, पुलिस की 30 गाड़ियों, 6 कंटेनर और डंपर्स को नुकसान पहुंचा है। पुलिस ने हालातों को काबू में करने के लिए केवल आंसू गैस का इस्तेमाल किया था।

19 लोगों को पकड़ गया

इस मामले में अब तक 25 FIR दर्ज की गई है और 19 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि 50 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। CCTV फुटेज और फेस रिकग्निजेशन सिस्टम के जरिए उपद्रवियों की पहचान दिल्ली पुलिस करने में लगी हुई है। इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने 20 किसान नेताओं को नोटिस भी जारी किया है और इन्हें तीन दिन के अंदर अपना जवाब देने को कहा गया है।

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