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24 घंटे ट्रकों के पंचर जोड़ अपना घर परिवार चला रही तेलंगाना की ये महिला, समाज के लिए है मिसाल

हमारे समाज में हमेशा से ही महिला को कमतर समझा जाता है. उन्हें उनके अधिकारों से हमेशा वंचित रखा जाता है. यह पुरुष प्रधान समाज महिलाओं को अपने साथ खड़े रहने की अनुमति तक नहीं देता है. महिलाओं को सिर्फ चार दीवारी में ही कैद कर के रख दिया जाता है.

इसका सबसे बड़ा डर शायद यह होगा कि जब ये चार दीवारी से बाहर निकलती है तो पुरष प्रधान समाज को न सिर्फ तमाचा मारती है बल्कि उनसे कई गुना आगे चलकर नाम भी कमाती है. जब परिस्थितियां विपरीत हो जाती है तो महिलाएं ही आगे बढ़कर अपने घर का नेतृत्व करती है. कभी माँ बनकर, कभी बहन बनकर, कभी पत्नी बनकर और कभी बेटी बनकर.

आज हम आपको ऐसी ही एक माँ और पत्नी की कहानी बताने जा रहे है. हम बात कर रहे है तेलंगाना की आदिलक्ष्मी के बारे में. आप में से सभी ने इन दिनों सोशल मीडिया पर एक महिला की तस्वीर वायरल होते देखी होगी. वह महिला ट्रक और बड़े बड़े वाहनों के पहियों को खोल रही है. इन मोहतरमा का नाम है आदिलक्ष्मी, आदिलक्ष्मी अपने पति के साथ उनकी शॉप पर रोजाना काम करती है.

आदिलक्ष्मी तेलंगाना के कोथागुडेम जिले के सुजातानगर में रहती है. ट्रकों की वेल्डिंग से लेकर पंचर लगाना, ट्रक का टायर खोलना या फिर छोटी-मोटी रिपेयरिंग. ये सब काम आदिलक्ष्मी खुद अपने आप से ही करती हैं. वह अपने पति वीरभद्रम को उनकी शॉप पर पूरा सहयोग करती हैं. आदिलक्ष्मी दो बेटियां की माँ भी हैं. आदिलक्ष्मी टायर फिक्स करने के साथ साथ कुशल वेल्डर और मेटल फ्रेम फैब्रिकेटर का काम भी करती हैं. एक से ज्यादा एक्सिल वाले ट्रकों के भारी-भरकम पहियों को खोलना और फिट करना आदिलक्ष्मी के लिए बाएं हाथ का खेल है.

आदिलक्ष्मी का अपने काम को लेकर कहना है कि, ‘हम लोगों पर दिन ब दिन कर्ज बढ़ता जा रहा था, ऐसे में मैंने कर्ज को कम करने के लिए पति के साथ काम करने का फैसला किया. हमारी दो बेटियां हैं. हमारे पास औजार भी कुछ ही हैं लेकिन हम इनसे ही काम चला लेते है. अगर मुझे सरकार से कोई मदद मिल जाए तो उससे मुझे अपनी बेटियों का भविष्य सुधारने में मदद मिल जाएगी.’

गौरतलब है कि आदिलक्ष्मी ने तीन साल पहले उनके पति के साथ ये रिपेयर शॉप खोली थी. उस समय उनके पास पैसों की काफी कमी थी इसलिए शॉप खोलने के लिए उन्हें अपने घर को गिरवी रखना पड़ा था. जब काम शुरू किया गया तो ग्राहक आदिलक्ष्मी की शॉप पर आने से पहले कई बात सोचते थे कि वो टायर्स को ठीक से पंक्चर नहीं लगा पाएंगी. इसके बाद भी आदिलक्ष्मी डटी रही और धीरे- धीरे उनकी कुशलता के बारे में सब को पता चलता गया. आज उनकी शॉप दिन में 24 घंटे खुली रहती है और ग्राहक भी इन दोनों की सर्विस से बहुत खुश हैं.

आपको बता दें कि कोथागुडेम एक ऐसा इलाका है जहां खनन का ही अत्यधिक काम होता है. ऐसे में यहां हेवी ट्रक्स और अन्य भारी वाहनों का आवागमन बना रहती है.आदिलक्ष्मी स्कूल ड्रॉप आउट हैं. 2010 में उनका विवाह वीरभद्रम के साथ हुआ था.

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